- |
- |
टीकाकरण अभियान के लिए श्रीलंका और भूटान ने दी PM मोदी को बधाई
- प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क
- जनवरी 17, 2021 14:11
- Like

भूटान के प्रधानमंत्री ने कोविड-19 टीकाकरण अभियान शुरू करने पर मोदी को बधाई दी।मोदी ने शनिवार को दुनिया का सबसे बड़ा कोविड-19 टीकाकरण अभियान शुरू किया, जिसके तहत कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ जंग में अग्रिम मोर्चे पर डटे स्वास्थ्यकर्मियों को सबसे पहले टीका लगाया जा रहा है।
थिंपू/कोलंबो।भूटान के प्रधानमंत्री लोते शेरिंग और श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे ने दुनिया का सबसे बड़ा कोविड-19 टीकाकरण अभियान शुरू करने के लिए शनिवार को अपने भारतीय समकक्ष नरेन्द्र मोदी को बधाई देते हुए उम्मीद जताई कि इससे महामारी के चलते लोगों द्वारा सहन की गई पीड़ा खत्म हो होगी। मोदी ने शनिवार को दुनिया का सबसे बड़ा कोविड-19 टीकाकरण अभियान शुरू किया, जिसके तहत कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ जंग में अग्रिम मोर्चे पर डटे स्वास्थ्यकर्मियों को सबसे पहले टीका लगाया जा रहा है।
Thank you @PresRajapaksa. The tireless efforts of our scientists and frontline workers have played a crucial role in the fight against this pandemic. Fast development of vaccine and its launch is an important landmark in our joint endeavour for a healthy and disease free world. https://t.co/Lj50fkPm8g
— Narendra Modi (@narendramodi) January 17, 2021
इसे भी पढ़ें: परंपरागत भारतीय रंगोली के साथ होगी बाइडेन-हैरिस के शपथग्रहण समारोह की शुरुआत
देशभर के चिकित्सा केन्द्रों में कोविशील्ड तथा कोवैक्सीन टीके लगाए गए हैं। शेरिंग ने ट्वीट किया, मैं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भारत की जनता को आज शुरू किए ऐतिहासिक राष्ट्रव्यापी कोविड-19 टीकाकरण अभियान के लिए बधाई देता हूं। उम्मीद है कि इससे वे सभी पीड़ाएं खत्म हो जाएंगी, जिन्हें महामारी के दौरान हमने सहा है। अपने फेसबुक अकांउट पर इसी तरह के एक पोस्ट में शेरिंग ने कहा कि इतनी बढ़ी संख्या में टीका हासिल करने और उसके वितरण में प्रधानमंत्री ने प्रबल और कृपालु नेतृत्व का प्रदर्शन किया है। उन्होंने कहा, हम महामहिम (प्रधानमंत्री मोदी) और भारत के लोगों के अच्छे स्वास्थ्य और कल्याण की प्रार्थना करते हैं। अपने जवाब में मोदी ने शेरिंग की शुभकामनाओं के लिए उनका आभार जताया।
इसे भी पढ़ें: माइक पेंस ने दी हैरिस को बधाई, सत्ता हस्तांतरण में पूरी तरह सहयोग की पेशकश की
मोदी ने ट्वीट, भूटान के प्रधानमंत्री का शुक्रिया। जिस टीके को पहले इतने कम समय में तैयार करना असंभव माना जा रहा था, यह हमारे वैज्ञानिकों, डॉक्टरों और नवोन्मेषकों के प्रयासों की वजह से वास्तविकता बन गया है। उन्होंने कहा कि पृथ्वी को स्वस्थ रखने के लिए भारत सबकुछ करने को तैयार है। राजपक्षे ने ट्विटर पर टीकाकरण अभियान शुरू करने के लिए मोदी और भारत सरकार को बधाई दी। श्रीलंका के प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, इतने व्यापक स्तर पर कोविड-19 टीकाकरण अभियान शुरू करने के वास्ते अत्यंत अहम कदम उठाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी और भारत सरकार को बधाई। हमने इस विशानकारी महामारी के अंत को देखना शुरू कर दिया है। राजपक्षे ने भारतीय उच्चायोग द्वारा ट्विटर पर किए गए पोस्ट की प्रतिक्रिया में ट्वीट किया। भारतीय उच्चायोग ने अपने ट्वीट में टीकाकरण अभियान की जानकारी दी।
बाइडेन प्रशासन ने कहा, भारत के लिये जीएसपी का सवाल उनके रडार में सबसे ऊपर
- प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क
- फरवरी 26, 2021 16:09
- Like

तब अमेरिका ने कहा था कि भारत ने यह आश्वावसन नहीं दिया है कि वह अपने बाजारों में अमेरिकी उत्पादों को समान और तर्कसंगत पहुंच उपलब्ध करायेगा। जीएसपी अमेरिका का सबसे पुराना व्यापार तरजीही कार्यक्रम है।
वाशिंगटन। अमेरिका के बाइडेन प्रशासन ने इस बात के संकेत दिये हैं कि भारत के साथ जीएसपी के मामले को सुलझाना उनके एजेंडो में सबसे ऊपर है। बाइडेन प्रशासन के समक्ष अनेक सांसदों ने भारत की तरफ से इस मामले में की गई जवाबी कार्रवाई का मुद्दा उठाया था। वर्ष 2019 में अमेरिका के पूर्ववर्ती डोनाल्ड ट्रंप सरकार ने अमेरिका के सामन्यीकृत तरजीही प्रणाली (जीएसपी) के तहत लाभार्थी के तौर पर भारत की पात्रता को समाप्त कर दिया था। तब अमेरिका ने कहा था कि भारत ने यह आश्वावसन नहीं दिया है कि वह अपने बाजारों में अमेरिकी उत्पादों को समान और तर्कसंगत पहुंच उपलब्ध करायेगा। जीएसपी अमेरिका का सबसे पुराना व्यापार तरजीही कार्यक्रम है।
इसे भी पढ़ें: बजट विभाग के निदेशक पद के लिए नामित है नीरा टंडन, रिपब्लिकन पार्टी के नेता कर रहे विरोध
इसके तहत चुने हुये देशों के उत्पादों को अमेरिका के बाजारों में शुल्क मुक्त प्रवेश दिया जाता है। अमेरिका के इस कार्यक्रम के लाभार्थियों में भारत भी शामिल था, जिसे पिछले ट्रंप प्रशासन ने समाप्त कर दिया था। अमेरिका की सीनेट वित्त समिति के कई सदस्यों ने इस मामले को उठाया। अमेरिका के बाइडेन प्रशासन के व्यापार प्रतिनिधि के पद की नामित कैथरीन सी टाई की इस पद के लिये पुष्टि को आयोजित बैठक के मौके पर यह मुद्दा उठा। टाई ने इस अवसर पर कहा, ‘‘भारत में जीएसपी के आपके सवाल पर मैं कहना चाहूंगी कि यदि सब ठीक हो जाता है तो यह मुद्दा मेरे एजेंडे में बहुत ऊपर है।’’
इसे भी पढ़ें: अमेरिका ने संघर्ष विराम पर भारत और पाकिस्तान के संयुक्त बयान का किया स्वागत, जानिए क्या कुछ कहा
उन्होंने सीनेटर मारिया कैंटवेल के सवाल पर यह जवाब दिया। कैंटवेल ने कहा कि अमेरिकी तरफ से जीएसपी के लाभार्थियों की सूची से भारत को हटा दिये जाने के बाद उसने अनेक अमेरिकी उत्पादों पर जवाबी कार्रवाई करते हुये शुल्क बढ़ा दिया। भारत को जीएसपी कार्यक्रम के तहत फायदा मिलता रहा है। वर्ष 2017 में भारत ने इस कार्यक्रम के तहत अमेरिका को 5.7 अरब डालर का निर्यात किया था।
UNSC की बैठक में भारत ने कहा, सीरिया में मानवीय सहायता संयुक्त राष्ट्र के सिद्धांतों के अनुरूप मुहैया कराई जाए
- प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क
- फरवरी 26, 2021 15:30
- Like

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने सीरिया में मानवीय संकट की स्थिति पर संयुक्त राष्ट्र की बैठक में कहा कि भारत का दृढ़ता से मानना है कि सीरिया में सभी मानवीय सहायता की जरूरत की चीजों का वितरण मानवीय सहायता पर संयुक्त राष्ट्र के सिद्धांतों के अनुरूप होना चाहिए।
संयुक्त राष्ट्र। भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की एक बैठक में कहा है कि सीरिया में मानवीय सहायता इस पर संयुक्त राष्ट्र के सिद्धांतों के अनुरूप मुहैया कराई जानी चाहिए और मानवीय सहायता का राजनीतिकरण अवश्य ही बंद होना चाहिए। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने सीरिया में मानवीय संकट की स्थिति पर संयुक्त राष्ट्र की बैठक में बृहस्पतिवार को कहा कि भारत का दृढ़ता से मानना है कि सीरिया में सभी मानवीय सहायता की जरूरत की चीजों का वितरण मानवीय सहायता पर संयुक्त राष्ट्र के सिद्धांतों के अनुरूप होना चाहिए।
इसे भी पढ़ें: किसी अन्य देश के राज्येत्तर तत्व से निपटने के लिए पहले ही हमला किया जा सकता है : भारत
तिरुमूर्ति ने कहा, ‘‘ मानवीय जरूरतों की गंभीरता और जटिलता से इस परिषद की सामूहिक चेतना जागनी चाहिए, विशेष रूप से उन देशों की, जो मानवीय सहायता को राजनीतिक कदमों पर अपने अपेक्षित परिणामों से जोड़ने की वकालत करते हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मानवीय सहायता से जुड़े कदमों का राजनीतिकरण बंद किया जाना चाहिए। जिन लोगों को मानवीय सहायता की तत्काल एवं बहुत आवश्यकता है, उनके लिए यह व्यवहार्य नहीं है कि वे मामले से जुड़े सभी पक्षों के राजनीतिक लक्ष्य पूरे होने तक इंतजार करें।’’
इसे भी पढ़ें: अंडमान सागर मे रोहिंग्या शरणार्थियों का नहीं मिल रहा नौका, तलाश में जुटी भारत
तिरुमूर्ति ने मानवीय सिद्धांतों से जुड़े दो सवालों के जवाब में यह यह टिप्पणी की। दोनों सवाल काफी हद तक सीरिया के संदर्भ में थे। उन्होंने कहा, ‘‘सीरिया में मानवीय सहायता, सीरिया की स्वतंत्रता, क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता को ध्यान में रखकर की जानी चाहिए।’’ साथ ही, उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि सभी पक्षों को स्वास्थ्य तथा मानवीय सहायता मुहैया कराने वाले कर्मियों की भी सुरक्षा करनी चाहिए।
अमेरिका ने संघर्ष विराम पर भारत और पाकिस्तान के संयुक्त बयान का किया स्वागत, जानिए क्या कुछ कहा
- प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क
- फरवरी 26, 2021 10:02
- Like

व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने कहा, ‘‘अमेरिका, भारत और पाकिस्तान के संयुक्त बयान का स्वागत करता है कि दोनों देश नियंत्रण रेखा पर संघर्षविराम का सख्ती से पालन करने पर सहमत हुए हैं और यह 25 फरवरी से प्रभावी हो गया है।’’
वाशिंगटन। अमेरिका ने नियंत्रण रेखा तथा अन्य क्षेत्रों में संघर्षविराम के सभी समझौतों का सख्ती से पालन करने के भारत और पाकिस्तान के संयुक्त बयान का स्वागत किया और इसे दक्षिण एशिया में शांति एवं स्थिरता की दिशा में एक सकारात्मक कदम बताया है। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने बृहस्पतिवार को अपने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि बाइडन प्रशासन पाकिस्तान सहित क्षेत्र के नेताओं और अधिकारियों के साथ संपर्क में है। साकी ने कहा, ‘‘अमेरिका, भारत और पाकिस्तान के संयुक्त बयान का स्वागत करता है कि दोनों देश नियंत्रण रेखा पर संघर्षविराम का सख्ती से पालन करने पर सहमत हुए हैं और यह 25 फरवरी से प्रभावी हो गया है।’’
इसे भी पढ़ें: रिश्ते सुधारने की दिशा में आगे बढ़े भारत-पाक, सीमा पर शांति के लिए बनाई आपसी सहमति
भारत और पाकिस्तान ने संयुक्त बयान जारी कर जम्मू कश्मीर में नियंत्रण रेखा एवं अन्य क्षेत्रों में संघर्षविराम के सभी समझौतों का सख्ती से पालन करने पर सहमति जतायी है। इस बारे में पूछे जाने पर प्रेस सचिव ने कहा, ‘‘यह दक्षिण एशिया में शांति एवं स्थिरता की दिशा में एक सकारात्मक कदम है, जिसमें हमारे साझा हित जुड़े हैं। हम दोनों देशों को इस प्रगति को बनाये रखने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।’’ यह पूछे जाने पर कि क्या पाकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में पर्याप्त कदम उठा रहा है, इस पर उन्होंने कहा ‘‘ उस आकलन के बारे में मैं आपको विदेश मंत्रालय या खुफिया विभाग की ओर इशारा करूंगी।’’
इसे भी पढ़ें: गृह मंत्री ने पूर्वी लद्दाख की मौजूदा स्थिति के बारे में दी जानकारी, जानिए दिनभर सदन में क्या कुछ हुआ
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने एक अलग संवाददाता सम्मेलन में कहा कि प्रशासन ने एलओसी पर तनाव कम करने के लिए दोनों पक्षों से 2003 में हुए संघर्ष विराम समझौते का पालन करने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा, ‘‘हम नियंत्रण रेखा के पार घुसपैठ करने वाले आतंकवादियों की निंदा करते हैं।’’ प्राइस ने कहा, ‘‘अमेरिका की भूमिका की बात करें तो हम कश्मीर एवं अन्य संबंधित मुद्दों पर भारत और पाकिस्तान के बीच सीधी वार्ता का समर्थन करते हैं और निश्चित रूप से इस समझौते का स्वागत करते हैं, जो 25 फरवरी से प्रभावी हो गया है।’’ उन्होंने कहा कि पाकिस्तान एक महत्वपूर्ण सहयोगी है जिसके साथ अमेरिका के कई साझा हित जुड़े हैं।

