India-US relation के सबसे बड़े चैंपियन, विदेश मंत्री ब्लिंकन ने इस अंदाज में दी मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि

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अभिनय आकाश । Dec 27 2024 12:11PM

ब्लिंकन ने कहा कि डॉ. सिंह अमेरिका-भारत रणनीतिक साझेदारी के महानतम समर्थकों में से एक थे, और उनके काम ने बहुत कुछ की नींव रखी पिछले दो दशकों में हमारे देशों ने मिलकर क्या हासिल किया है। ब्लिंकन ने कहा कि अमेरिका-भारत नागरिक परमाणु सहयोग समझौते को आगे बढ़ाने में उनके नेतृत्व ने अमेरिका-भारत संबंधों की क्षमता में एक बड़े निवेश का संकेत दिया।

संयुक्त राज्य अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने गुरुवार (स्थानीय समय) को पूर्व भारतीय प्रधान मंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर शोक व्यक्त किया और उन्हें अमेरिका-भारत रणनीतिक साझेदारी का चैंपियन कहा। डॉ. सिंह का गुरुवार रात दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में निधन हो गया। वह 92 वर्ष के थे। ब्लिंकन ने एक बयान में दोनों देशों के बीच उन्नत संबंधों की नींव रखने में डॉ. सिंह के योगदान को याद किया। संयुक्त राज्य अमेरिका पूर्व प्रधान मंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर भारत के लोगों के प्रति अपनी गंभीर संवेदना व्यक्त करता है। 

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ब्लिंकन ने कहा कि डॉ. सिंह अमेरिका-भारत रणनीतिक साझेदारी के महानतम समर्थकों में से एक थे, और उनके काम ने बहुत कुछ की नींव रखी पिछले दो दशकों में हमारे देशों ने मिलकर क्या हासिल किया है। ब्लिंकन ने कहा कि अमेरिका-भारत नागरिक परमाणु सहयोग समझौते को आगे बढ़ाने में उनके नेतृत्व ने अमेरिका-भारत संबंधों की क्षमता में एक बड़े निवेश का संकेत दिया। डॉ. सिंह को उनके आर्थिक सुधारों के लिए याद किया जाएगा जिन्होंने भारत की तीव्र आर्थिक वृद्धि को प्रेरित किया। हम डॉ. सिंह के निधन पर शोक व्यक्त करते हैं और संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत को एक साथ लाने के लिए उनके समर्पण को हमेशा याद रखेंगे।

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गौरतलब है कि आधुनिक भारत के आर्थिक सुधारों के जनक के रूप में पहचाने जाने वाले मनमोहन सिंह ने प्रधानमंत्री के रूप में अपने एक दशक लंबे कार्यकाल (2004-2014) के दौरान पर्यावरण संरक्षण और जलवायु कार्रवाई की भी वकालत की। भारत ने उनके नेतृत्व में जलवायु परिवर्तन पर राष्ट्रीय कार्य योजना शुरू की, जनजातीय समुदायों के अधिकारों की रक्षा के लिए ऐतिहासिक वन अधिकार अधिनियम (एफआरए) पारित किया तथा त्वरित कानूनी कार्रवाई के जरिये पर्यावरण की रक्षा के लिए राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) की स्थापना की।  

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