अपने सदाबहार आतंक निर्यातक दोस्त के साथ फिर खड़ा हुआ चीन, बलूचिस्तान के खिलाफ UN में इस प्रस्ताव को दिया समर्थन

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अभिनय आकाश । Sep 18 2025 1:00PM

पाकिस्तान में बलूचों का जलवा ऐसा है कि आसिम मुनीर भी बगले झांक रहा है। ऐसे में अब पाकिस्तान ने अपने सदाबहार मित्र चीन के साथ मिलकर बीएलए पर लगाम लगाने का तरीका निकाला है।

पाकिस्तान की सेना की जो भद पिट रही है। उसने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और फेल्ड मार्शल आसिम मुनीर की नींद हराम कर दी है। शहबाज की सांसे फूल रही हैं। धड़कने बढ़ रही हैं। वहीं मुनीर को तो मुंह दिखाने के लायक ही नहीं छोड़ा गया है। पहले तो भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर चलाया। आतंकी ठिकानों को जमींदोज कर दिया। अब टीटीपी और बीएलए पाकिस्तान की बखिया उदेड़ रहे हैं। आए दिन बीएलए के लड़ाके पाकिस्तानी जवानों को निशाना बना रहे हैं। उन्हें भागने पड़ मजबूर कर रहे हैं। यहां तक तो ठीक था लेकिन उसके बाद खबर ये आई कि पाकिस्तानी सेना के 500 से ज्यादा जवानों ने बीएलए के सामने घुटने टेक दिए। अपनी बंदूकों को जमीन पर रख दिया औऱ रहम की भीख मांग रहे हैं। 

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पाकिस्तान में बलूचों का जलवा ऐसा है कि आसिम मुनीर भी बगले झांक रहा है। ऐसे में अब पाकिस्तान ने अपने सदाबहार मित्र चीन के साथ मिलकर बीएलए पर लगाम लगाने का तरीका निकाला है। खबर है कि पाकिस्तान और चीन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में विद्रोही समूह बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) और उसकी आत्मघाती शाखा मजीद ब्रिगेड को परिषद की 1267 अलकायदा प्रतिबंध समिति के तहत "आतंकवादी इकाई" के रूप में नामित करने के लिए एक संयुक्त प्रस्ताव प्रस्तुत किया है। संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत आसिम इफ्तिखार अहमद ने बुधवार को कहा कि इस्लामिक स्टेट-खोरासन (आईएसआईएल-के), अल-कायदा, तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान, ईस्ट तुर्किस्तान इस्लामिक मूवमेंट, बीएलए और मजीद ब्रिगेड जैसे आतंकवादी संगठन अफगान ठिकानों से संचालित हो रहे हैं। 

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गौरतलब है कि पाकिस्तान 2025-26 कार्यकाल के लिए 15 सदस्यीय सुरक्षा परिषद का अस्थायी सदस्य है, जबकि चीन इस शक्तिशाली निकाय का स्थायी सदस्य है और उसके पास वीटो का अधिकार है। पाकिस्तान 2025 में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1988 तालिबान प्रतिबंध समिति की अध्यक्षता कर रहा है और आतंकवाद रोधी समिति का उपाध्यक्ष भी है। अहमद ने कहा कि अफगान तालिबान प्रशासन को आतंकवाद-रोधी अंतरराष्ट्रीय दायित्वों का पालन करना होगा। मजीद ब्रिगेड की स्थापना 2011 में हुई थी। यह बीएलए की आत्मघाती इकाई है, जो मुख्यतः पाकिस्तान में सुरक्षा बलों और चीनी हितों को निशाना बनाती है। पिछले महीने, अमेरिका ने भी बीएलए और मजीद ब्रिगेड को विदेशी आतंकवादी संगठन (एफटीओ) के रूप में सूचीबद्ध किया था। अमेरिकी विदेश विभाग के मुताबिक, 2024 में बीएलए ने कराची हवाई अड्डे और ग्वादर पोत प्राधिकरण परिसर के पास आत्मघाती हमलों की जिम्मेदारी ली थी। उसने 2025 में जाफर एक्सप्रेस ट्रेन को हाइजैक करने की जिम्मेदारी भी ली थी, जो क्वेटा से पेशावर जा रही थी। इस घटना में 31 नागरिक और सुरक्षा कर्मी मारे गए थे और 300 से अधिक यात्रियों को बंधक बना लिया गया था। 

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