रूस के भारत को लेकर दावे से बढ़ने वाली है चीन और पाकिस्तान की चिंता, दुनिया में मच जाएगा तहलका
एस-500 कितना शक्तिशाली है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इसमें लगी मिसाइलें अंतरिक्ष में मौजूद किसी भी लक्ष्य को पलक झपकते ही नष्ट करने में सक्षम है। रूसी उप प्रधानमंत्री यूरी बोरिसोव ने इंटरफैक्स समाचार एजेंसी को बताया कि वह भारत को एस-500 प्रणाली के लिए पहला संभावित खरीदार मानते हैं।
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने ऐलान किया कि एस-500 मिसाइल सिस्टम के सभी टेस्ट पूरे हो चुके हैं जिसके बाद अब दुनिया के सबसे एडवांस माने जाने वाले इस सिस्टम को जल्द ही रूसी सेना में तैनात किया जाएगा। लेकिन अब इस बेहद ही खतरनाक अत्याधुनिक मिसाइल सिस्टम को लेकर रूस की तरफ से ऐसा दावा किया गया है जिससे चीन और पाकिस्तान में खलबली मच सकती है। रूस की ओर से कहा गया है कि भारत बेहद शक्तिशाली मिसाइल डिफेंस सिस्टम खरीदने वाला पहला देश बन सकता है। भारत के पास अगर यह मिसाइल डिफेंस सिस्टम आता है तो दुश्मन के किसी भी हवाई हमले को पल भर में भारत में घुसने से पहले ही तबाह किया जा सकता है।
अंतरिक्ष में मौजूद किसी भी लक्ष्य को नष्ट करने में सक्षम
एस-500 कितना शक्तिशाली है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इसमें लगी मिसाइलें अंतरिक्ष में मौजूद किसी भी लक्ष्य को पलक झपकते ही नष्ट करने में सक्षम है। रूसी उप प्रधानमंत्री यूरी बोरिसोव ने इंटरफैक्स समाचार एजेंसी को बताया कि वह भारत को एस-500 प्रणाली के लिए पहला संभावित खरीदार मानते हैं। बोरिसोव को इंटरफैक्स को कहा कि संभावित रूप से, हाँ (भारत S-500 खरीद रहा है)। इसके साथ ही उन्होंने भारत को रूसी हथियारों का सबसे बड़ा खरीदार बताते हुए कहा कि कितनी दफा जो हम भारत को बेचते हैं वो अन्य देशों को नहीं देते।
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एस-400 नवंबर की नवंबर में होगी डिलीवरी
बता दें कि भारत की रूस के साथ पहले ही एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम सिस्टम को खरीदने की डील हो चुकी है। रूसी अधिकारियों के हवाले से एक रिपोर्ट में कहा है कि एस-400 मिसाइल सिस्टम की डिलीवरी इस साल नवंबर से करना शुरू हो जाएगी। रूस से इस हथियार की खरीद को लेकर अमेरिका पहले से ही भारत पर काट्सा कानून के जरिए प्रतिबंध लगाने की धमकी देता रहा है। चीन के साथ लद्दाख में जारी तनाव के दौरान भारत ने रूस से इस डील को जल्द से जल्द पूरा करने को कहा था। इस मिसाइल सिस्टम की डिलिवरी से भारतीय वायु सेना की सर्विलांस और हमलावर ताकत में भी जोरदार इजाफा होने की उम्मीद है।
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