कौन है मुल्‍ला बरादर ? जिसके हाथ में होगी तालिबान सरकार की कमान

Mullah Baradar

तालिबान के दिवंगत संस्थापक मुल्ला उमर के बेटे मुल्ला मोहम्मद याकूब और शेर मोहम्मद अब्बास स्टेनकजई सरकार में वरिष्ठ पद संभालेंगे। काबुल के राष्ट्रपति भवन में तैयारियां जोरो-शोरो पर चल रही हैं।

काबुल। अफगानिस्तान में तालिबान का राज है और अब नई सरकार का गठन होने वाला है। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक अफगानिस्तान में तालिबानी सरकार का नेतृत्‍व मुल्‍ला बरादर करेगा। जिसकी शुक्रवार को नमाज के बाद घोषणा हो सकती है। रॉयटर्स को तालिबान के एक नेता ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि सभी अधिकारी काबुल पहुंच रहे हैं, जहां पर नई सरकार की घोषणा की जाएगी, जो अंतिम चरण में है। 

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सूत्रों ने बताया कि तालिबान के दिवंगत संस्थापक मुल्ला उमर के बेटे मुल्ला मोहम्मद याकूब और शेर मोहम्मद अब्बास स्टेनकजई सरकार में वरिष्ठ पद संभालेंगे। काबुल के राष्ट्रपति भवन में तैयारियां जोरो-शोरो पर चल रही हैं। नए झंडे तैयार हो रहे हैं।

साल 1996 से 2001 तक अफगानिस्तान की सत्ता को संभाल चुका तालिबान फिर से अपनी सरकार गठित कर रहा है। इस बार उसने लचीला रवैया अपमाने की बात कही है। अफगानिस्तान में शरिया कानून के तहत सरकार का क्रियान्वयन होगा।कौन है मुल्‍ला बरादर ?

मुल्ला बरादर जिसका पूरा नाम मुल्ला अब्दुल गनी बरादर है, वो तालिबान के संस्थापकों में से एक है। उसे तालिबान का नंबर दो का नेता माना जाता है। पहली बार जब तालिबान ने अफगानिस्तान पर राज किया था, उसमें मुल्ला बरादर की अहम भूमिका थी। लेकिन 2001 में जब अफगानिस्तान में अमेरिका की एंट्री हुई तो मुल्ला बरादर ने बाहर का रास्ता अपनाया था और वह अफगानिस्तान को छोड़कर पाकिस्तान चला गया। हालांकि साल 2010 में पाकिस्तान सरकार ने मुल्ला बरादर को कराची में गिरफ्तार किया और जेल में डाल दिया। 

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अमेरिका के कहने पर पाकिस्तान ने साल 2018 में मुल्ला बरादर को रिहा कर दिया था। जब साल 1994 में तालिबान का गठन हुआ था, उस वक्त मुल्ला मोहम्मद उमर इस संगठन के प्रमुख थे और मुल्ला बरादर की बहन उसकी पत्नी थी। जिसकी वजह से मुल्ला बरादर को तालिबान का दूसरा सबसे प्रमुख चेहरा माना जाता था।

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