बर्थ टूरिज्म पर डोनाल्ड ट्रंप ने लगाई रोक, जानिए क्या होगा इससे नुकसान

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निधि अविनाश । Jan 24 2020 7:05PM

अमेरिका जानें की चाहत हर किसी को होती है लेकिन अमेरिकी वीजा मिलना बहुत मुश्किल होता है। अमेरिका अब वीजा पर कुछ नयी पाबंदी लगाने जा रहा है जिसके तहत ऐसी महिलाओं पर बंदिशें लगायी जाएंगी, जो बच्चें पैदा करने के लिए अमेरिका जाना चाहती हैं ताकि उनके बच्चों को अमेरिकी नागरिकता मिल जाए।

नई दिल्ली। 20 जनवरी 2017 को डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका के 45वें राष्ट्रपति के रूप में अपना पद संभाला। बराक ओबामा की सरकार के बाद ट्रंप युग की शुरूआत हो गई और आज वह दुनिया के सबसे ताकतवर लोगों में गिने जाते हैं। राष्ट्रपति चुनाव के जीत से कई देशों को ट्रंप में दिलचस्पी भी बढ़ी। अमेरिका के सबसे अच्छा दोस्त भारत को भी ट्ंप की जीत से काफी खुशी हुई है लेकिन इस जीत ने भारत के लिए एक समस्या भी उत्पन्न की, यह समस्या थी वीजा की। अमेरिका जानें की चाहत हर किसी को होती है लेकिन अमेरिकी वीजा मिलना बहुत मुश्किल होता है। अमेरिका अब वीजा पर कुछ नयी पाबंदी लगाने जा रहा है जिसके तहत ऐसी महिलाओं पर बंदिशें लगायी जाएंगी, जो बच्चें पैदा करने के लिए अमेरिका जाना चाहती हैं ताकि उनके बच्चों को अमेरिकी नागरिकता मिल जाए। 

अमेरिका में बर्थ टूरिज्म को लेकर वीजा नियम | birth tourism ban US

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने खासकर ‘जन्मजात नागरिकता’ के मुद्दे पर कड़ा रूख अपनाया है। इसके तहत गैर अमेरिकी नागरिकों के बच्चों को अमेरिका में जन्म लेने के साथ मिलने वाली नागरिकता के अधिकार को खत्म करना है। दरअसल इसमें कोई महिला अपने बच्चे को जन्म देने के लिए अमेरिका आती है ताकि उसके बच्चे को अमेरिकी पासपोर्ट मिल सके। संघीय पंजी के नियम के अनुसार अगर वाणिज्य दूतावास यह तय कर देते हैं कि महिला का मकसद मुख्य तौर पर अमेरिका में बच्चे को जन्म देना है तो आवेदनकर्ता को वीजा नहीं मिलेगा। नियम के अनुसार चिकित्सीय जरूरत वालों को वैसे ही विदेशी लोगों की तरह देखा जाएगा जो इलाज के लिए देश में आते हैं। इस दौरान उन्हें यह भी साबित करना पड़ेगा कि भुगतान के लिए उनके पास धन है। अमेरिका में बच्चे को जन्म देने के लिए आना कानूनन वैध है। इस नए नियम के अनुसार गर्भवती महिलाओं के लिए पर्यटन वीजा पर यात्रा करना कठिन होगा। नियम के एक मसौदे में कहा गया है कि उन्हें वीजा हासिल करने के लिए ‘काउन्सिलर ऑफिसर’ को समझाना होगा कि अमेरिका आने के लिए उनके पास कोई और वाजिब कारण है। 

बता दें कि बर्थ टूरिज्म’ अमेरिका और विदेशों में काफी फल-फूल रहा है। अमेरिकी कंपनियां इसके लिए विज्ञापन भी देती हैं और होटल के कमरे और चिकित्सा सुविधा आदि के लिए 80,000 डॉलर तक वसूलती हैं। रूस और चीन जैसे देशों से कई महिलाएं बच्चे को जन्म देने के लिए अमेरिका आती हैं। ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद से ही अमेरिका इस तरह के चलन के खिलाफ कदम उठा रहा है। आइये जान लेते है कि बर्थ टूरिज्म से पहले अमेरिका के राष्ट्रपति ने किन-किन वीजा नियमों पर अपना कड़ा रूख अपनाया है। 

ट्रैवल बैन | Travel Ban

ट्रंप प्रशासन ने सत्ता में आते ही एक ऐसा फैसला लिया जिससे कई देशों को धक्का लगा। ट्रंप के ट्रैवल बैन से पूरे देश में हल्ला हुआ। इस बैन के मुताबिक सभी मुस्लिम देशों जैसे लीबिया, ईरान, सोमालिया, सीरिया, यमन के लोगों के लिए प्रवासी और गैर-प्रवासी वीजा को जारी करने की प्रक्रिया पर थोड़े हक्त के लिए बैन लगा दिया था। इस बैन में उत्तर कोरिया और वेनेजुएला जैसे देश को भी शामिल किया गया। इस बैन से कई मुस्लिमों देशों को दिक्कत का सामना करना पड़ा। इस रोक के चलते प्रतिबंधित बैन देशों के स्टूडेंट को वीजा तो मिला लेकिन इन छात्रों को काफी कड़ी जांच प्रक्रिया से गुजरना पड़ा, साथ ही इन छात्रों को कभी भी कही भी जांच के लिए रोका जा सकता है हालांकि यह बैन सिर्फ 90 दिनों के लिए लगाया गया था। बता दें कि ईरान, लीबीया, सोमालिया, उत्तर कोरिया, सीरीया, वेनेजुएला और यमन जैसे देशों में अभी भी ट्रेवल बैन लगे हुए हैं। 

H1B वीजा |H1B Visa

ट्ंप की वीजा पर सख्ती से भारत के IT इंजिनियरों को भी काफी मुश्किल हुई। बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप H1B वीजा पॉलिसी पर भी कड़े नियम अपना रहे हैं और इस वजह से अमेरिका में H1B वीजा के आवेदनों में भी काफी कमी आई। H1B वीजा की मदद से IT पेशेवर अमेरिका में रहकर काम कर सकते हैं लेकिन इस वीजा को हासिल करना काफी भारतीयों के लिए एक खतरे की घंटी बन गया। दरअसल, ट्रंप को लगता है कि बाहर से आ रहे लोग अमेरिका की नौकरी खा रहे हैं और इस वजह से इस पर अब ट्रंप सरकार सख्त रूख अपना रही है। कई भारतियों को वीजा मिलना और उसको एक्सटेंड कराने में भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा है और इसलिए उन्होंने इसपर बदलाव करने की कोशिश की है।

ट्रंप के अनुसार H1B वीजा सिर्फ उन्हीं को मिलना चाहिए जो अपने काम पर बेहद ही कुशल हों। हालांकि ट्रंप ने H-1B वीजा धारकों को ग्रीन कार्ड या नागरिकता दिलाने का वादा भी किया। आपको यह भी बता दें कि इस वादें को उन्होंने एक हद तक पूरा भी किया जिसके तहत काम कर रहे H-1B वीजाधारकों के जीवनसाथियों के जॉब करने पर रोक लगाने का प्रस्ताव को इस साल तक टाल दिया है। अमरिका में राष्ट्रपति चुनाव की वजह से ट्रंप ने यह फैसला लिया है क्योंकि अमेरिका में रह रहे आधे से ज्यादा भारतीय ट्रंप को काफी पसंद करते हैं और यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि ट्रंप को आने वाले चुनाव में इन भारतीयों का काफी समर्थन मिल सकता है। बता दें कि साल 2017 में ट्रंप सरकार ने जीवन साथियों के लिए वर्क वीजा प्रोग्राम को सस्पेंड कर दिया था। 

अमेरिकी वीजा के लिए सोशल मीडिया की जानकारी भी जरुरी| social media information for US visa 

बता दें कि अगर आपको अमेरिका जाना है तो अब आपको अपने सोशल मीडिया के सारे रिकॉ़र्ड भी देने होंगे। यानि की अगर आप या आपके फैमिली से कोई भी अमेरिका जाने की सोच रहा है तो आपको अपने फेसबुक के सारे रिकॉर्ड अमेरिकी embassy में दिखाने होंगे। इस नए वीजा नियम के मुताबिक अमेरिका वीजा के लिए काफी कड़ा सख्त रूख अपना रहा है। इन नियमों में बदलाव के मुताबिक अब हर विदेशी नागरिक की बारीकी से जांच की एक नई नीती अपनाई गई है और इसलिए सभी वीजा आवेदकों को अपनी सोशल मीडिया की सारी जानकारी देनी होंगी। इसके मुताबिक अगर आवेदक ने अपने प्रोफाइल पर कोई भी आंतकी या Violence से सबंधित विषयों को डाला होगा तो उसका वीजा पाना मुश्किल हो सकता है। 

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