जलवायु परिवर्तन के चलते संभव है पारंपरिक पर्यटन स्थल उतने आकर्षक ना रहें

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हालांकि जैसा कि हाल की गर्मियों से पता चला है, अंतरराष्ट्रीय पर्यटन की गति में अभी कमी होती प्रतीत नहीं हो रही है। जलवायु परिवर्तन के मद्देनजर वैश्विक पर्यटन का उभरता परिदृश्य जटिल है। हालांकि, यह स्पष्ट है कि यदि यूरोप में 2023 की गर्मियों जैसी मौसम की स्थिति जारी रहती है, तो बहुत से लोग वहां छुट्टियां बिताने के बारे में दो बार सोचेंगे।

कोविड महामारी के चलते कई वर्षों के व्यवधान के बाद लोगों के छुट्टियां मनाने का समय वापस आ रहा है। वर्ष 2022 में लगभग चार अरब यात्री अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में सवार हुए, जबकि 2020 में दो अरब यात्रियों ने अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में सफर किया था। हालिया शोध से पता चलता है कि लोग 2023 और उसके बाद भी यात्रा करना जारी रख सकते हैं। हालांकि यात्रा में यह वृद्धि चिंताजनक है। अकेले पर्यटन क्षेत्र अनुमानित 8-10 प्रतिशत वैश्विक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन के लिए जिम्मेदार है। तेज गर्मी के चलते छुट्टियां बिताने के पारंपरिक स्थलों पर स्थितियां अधिक अप्रिय होती जा रही हैं। पिछले वर्ष के दौरान, कई जलवायु रिकॉर्ड टूट गए क्योंकि लू और जंगल की आग ने यूरोप, एशिया और उत्तरी अमेरिका के बड़े हिस्से को तबाह कर दिया।

जुलाई में, सार्डिनिया और सिसिली दोनों जगह तापमान 46 डिग्री सेल्सियस से अधिक रहा, जिससे यूरोपीय रिकॉर्ड लगभग टूट गए। छुट्टियां बिताने के दौरान, विशेषकर विदेश में, हम जो कुछ भी करते हैं उनमें से अधिकांश की वजह से वातावरण में ग्रीनहाउस गैस का उत्सर्जन होता है, जिसका अंततः जलवायु पर प्रभाव पड़ता है। हालांकि जिस तरह से हममें से अधिकांश लोग वहां पहुंचते हैं यानी हवाई मार्ग से, वह संभावित रूप से सबसे अधिक हानिकारक है। ब्रिटेन के डेटा से पता चलता है कि छोटी दूरी की उड़ान पर सवार एक यात्री, यात्रा किए गए प्रत्येक किलोमीटर के लिए लगभग 154ग्राम कार्बन डाय आक्साइड के बराबर उत्सर्जन के लिए जिम्मेदार है। जलवायु परिवर्तन के प्रभाव जैसे-जैसे गंभीर होते जा रहे हैं, इस बात की वास्तव में चिंता है कि पारंपरिक गंतव्य स्थल गर्मियों के समय इतने गर्म हो जाएंगे कि वे आगंतुकों के लिए उतने आकर्षक नहीं रहेंगे।

इससे सवाल उठता है: पर्यटन का अनुकूलन कैसे होगा? गंतव्य बदलना शोधकर्ता काफी समय से पर्यटन के भविष्य की भविष्यवाणी करने की कोशिश कर रहे हैं। एक विचार यह है कि पर्यटन में आमूलचूल बदलाव आएगा क्योंकि ग्लोबल वार्मिंग के कारण न केवल पारंपरिक रूप से गर्म क्षेत्रों में, बल्कि उत्तर और दक्षिण के स्थानों में भी तापमान में वृद्धि होगी। वर्ष 2007 के एक मॉडलिंग अध्ययन में भविष्यवाणी की गई थी कि, 2050 तक, गर्म मौसम भूमध्य सागर जैसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों को गर्मियों में कम आकर्षक बना देगा। वैश्विक पर्यटन का लगभग आधा हिस्सा तटीय क्षेत्रों में केंद्रित है। एक और चिंता समुद्र के बढ़ते जलस्तर के कारण समुद्र तटों के संभावित नुकसान की है।

कैरेबियाई क्षेत्र में, अनुमानित 29 प्रतिशत रिजॉर्ट संपत्तियां समुद्र के स्तर में एक मीटर की वृद्धि से आंशिक रूप से या पूरी तरह से जलमग्न हो जाएंगी। हालांकि इससे पहले इनमें से कई रिसॉर्ट अपने समुद्र तटक्षेत्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा खो देंगे। कुछ अन्य समुद्र तट स्थलों को संभावित रूप से और भी अधिक खतरा है। सार्डिनिया 2022 में विघटनकारी तूफानों की चपेट में आया था। शोध से पता चलता है कि बाढ़ और तूफान के अधिक जोखिम के कारण निकट भविष्य में वहां के समुद्र तट पर्यटकों को समायोजित करने के लिए संघर्ष कर सकते हैं। पर्यटन पर जलवायु परिवर्तन का प्रभाव तटीय क्षेत्रों से आगे भी होगा। पुर्तगाल में पोर्टो सहित कई लोकप्रिय शहरों में अधिक भीषण गर्मी पड़ने की आशंका है। पर्वतीय क्षेत्रों में पर्यटन भी प्रभावित होगा, क्योंकि तेजी से बर्फ पिघलने से स्की मौसम छोटा हो जाएगा।

अगले साल क्या होगा? पर्यटन शिक्षाविदों के बीच वर्तमान सोच यह है कि पर्यटन स्थलों के प्रबंधन के लिए जिम्मेदार लोगों को घरेलू बाजार पर ध्यान केंद्रित करके कार्बन उत्सर्जन को कम करने की दिशा में काम करना चाहिए। हालांकि जैसा कि हाल की गर्मियों से पता चला है, अंतरराष्ट्रीय पर्यटन की गति में अभी कमी होती प्रतीत नहीं हो रही है। जलवायु परिवर्तन के मद्देनजर वैश्विक पर्यटन का उभरता परिदृश्य जटिल है। हालांकि, यह स्पष्ट है कि यदि यूरोप में 2023 की गर्मियों जैसी मौसम की स्थिति जारी रहती है, तो बहुत से लोग वहां छुट्टियां बिताने के बारे में दो बार सोचेंगे।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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