कनाडा में आज चुनाव, कंजर्वेटिव सरकार के आने से अप्रवासियों को लेकर नीति में आएगा बदलाव, भारतीयों को होगा फायदा?
कनाडा में आज से मध्यावधि चुनाव के लिए वोटिंग है। लिबरल पार्टी की ओर से जस्टिन ट्रूडो और कंजर्वेटिव पार्टी की ओर से एरिन ओ’टोल मैदान में हैं। लेकिन सबसे बड़ा मुद्दा कनाडा में बसने, काम करने और पढ़ाई करने की ख्वाहिश रखने वालों को लिबरल पार्टी की हार से झटका लग सकता है क्या? नई सरकार के आने के बाद इमिग्रेशन में बदलाव कि संभावना भी जताई जा रही है।
कनाडा में आज मतदाता देश की 44वीं संसद का चुनाव करने के लिए वोटिंग करेंगे। जस्टिन ट्रुडो की लिबरल पार्टी और एरिन ओ’टोल की कंजर्वेटिव पार्टी में सीधी टक्कर है। सर्वे में कंजर्वेटिव पार्टी का पलड़ा भारी बताया जा रहा है। हर सर्वे में जस्टिन ट्रूडो की पार्टी को अपने प्रतिद्वंदी के मुकाबले पिछड़ता दिखाया गया है। लिहाजा ऐसे संभावना है कि इस बार कनाडा में दक्षिणपंथी पार्टी सत्ता में आ सकती है। ट्रूडो के सामने एक सेवानिवृत्त सैन्य कर्मी, पूर्व वकील और नौ साल से सांसद एरिन ओ’टूले (47) की कड़ी चुनौती है। कनाडा सरकार के आंकड़ों के अनुसार, इस साल के आम चुनाव में 2 करोड़ 70 लाख से ज्यादा लोग चुनाव में हिस्सा लेने वाले हैं। जिनमें करीब 57 लाख लोग पहले ही मतपत्र से वोट डाल चुके हैं। देश भर में कई समय क्षेत्र होने के कारण पूरे कनाडा में मतदान केंद्र अलग-अलग समय पर खुलेंगे और बंद होंगे। अंतिम मतदान देश के पश्चिमी तट पर शाम 7 बजे (स्थानीय समयानुसार) बंद होगा। भारत और कनाडा के समय में करीब 9 घंटे 30 मिनट का फर्क है।
कनाडा चुनाव: कंजर्वेटिव पार्टी के सांसद को बॉक्सिंग रिंग में मात देकर PM बनने वाले जस्टिन ट्रूडो के लिए मुश्किल दिख रहा है कुर्सी बचाना#canada #Canadaelection #JustinTrudeau #PM pic.twitter.com/W6MfoF2XCN
— Prabhasakshi (@prabhasakshi) September 11, 2021
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सरकार बदलने पर भारतीयों को होगा फायदा?
कनाडा में आज से मध्यावधि चुनाव के लिए वोटिंग है। लिबरल पार्टी की ओर से जस्टिन ट्रूडो और कंजर्वेटिव पार्टी की ओर से एरिन ओ’टोल मैदान में हैं। लेकिन सबसे बड़ा मुद्दा कनाडा में बसने, काम करने और पढ़ाई करने की ख्वाहिश रखने वालों को लिबरल पार्टी की हार से झटका लग सकता है क्या? नई सरकार के आने के बाद इमिग्रेशन में बदलाव कि संभावना भी जताई जा रही है। जैसा कि ट्रुडो ने इमिग्रेशन मामले में काफी उदार रुख अख्तियार किया था। आंकड़ों की माने तो कनाडा में करीब 3.4 लाख बाहरी लोगों को स्थायी निवास का दर्जा दिया गया। जिसमें भारत के लोगों को तादाद 25 फीसदी के करीब थी। एक रिपोर्ट के मुताबिक एरिन ओ’टोल की कंजरवेटिव पार्टी की ओर से सुपर वीजा प्रोग्राम का प्रस्ताव रखा गया है। इसमें कनाडा के लोगों को उनके परिवार के साथ आने की इजाजत देगा। इस फैसले से पढ़ाई करने वाले विदेशी छात्रों और अस्थायी वीजा पाने वाले विदेशी कामगारों को काफी लाभ मिलेगा।
ट्रूडो की आखिरी अपील
आम चुनाव प्रचार के अंतिम दिन कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडू ने देश की जनता को चेताया कि उनके प्रतिद्वंद्वी ‘कट्टरवादी’ महामारी के खिलाफ देश की लड़ाई को कमजोर करेंगे और कहा कि कनाडा के लोगों को ऐसी सरकार की जरुरत है जो विज्ञान पर भरोसा। चुनाव प्रचार अभियान समाप्त करते हुए ट्रूडू ने कहा, ‘‘हमें कंजवेटिव सरकार की जरुरत नहीं है, जो टीकाकरण के क्षेत्र में नेतृत्व क्षमता का प्रदर्शन नहीं कर सकेगी और न ही विज्ञान के क्षेत्र में जिसकी हमें जरुरत है। ट्रूडू ने इंगित किया कि अल्ब्रेटा में कंजरवेटिव सरकार द्वारा प्रांतीय सरकार चलायी जा रही है, और वहां संकट की स्थिति है।
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