Pakistan को जड़ से मिटा देंगे और तुर्की बीच में आया तो...भारत पर यूरोपीय देश का बड़ा ऐलान

ग्रीस का मानना है कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान तुर्की ने खुलकर पाकिस्तान की मदद की। ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान ने भारत पर हमले की नाकाम कोशिश की थी।
यूरोप के एक ताकतवर देश ने भारत का नाम लेकर पाकिस्तान और तुर्की की धज्जियां उड़ा दी हैं। यूरोप का ये देश भारत के दुश्मन तुर्की और पाकिस्तान से बहुत परेशान है। पाकिस्तान के लोगों ने तो इस यूरोपीय देश को बर्बाद कर रखा है। इसलिए यूरोप के इस देश ने भारत को एक जबरदस्त आइडिया दिया है। दरअसल, बात यहां पर ग्रीस की हो रही है। ग्रीस का कहना है कि हमारे लिए भी पाकिस्तान और तुर्की बड़ा खतरा है। ये दोनों वो देश हैं जिन्होंने मिलकर भारत पर हमला किया था। ग्रीस का मानना है कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान तुर्की ने खुलकर पाकिस्तान की मदद की। ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान ने भारत पर हमले की नाकाम कोशिश की थी। मीडिया रिपोर्ट बताते है कि इसमें तुर्की ने न केवल पाकिस्तान को ड्रोन से मदद की, बल्कि भारत के खिलाफ ड्रोन हमलों में सहायता के लिए इस्लामाबाद में सैन्य कर्मियों को भी भेजा। ऑपरेशन सिंदूर में तुर्की के दो सैन्यकर्मी भी मारे गए।
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हालांकि भारत ने तुर्की और पाकिस्तान के इस हमले को बुरी तरह से विफल कर दिया। लेकिन इसके बावजूद पाकिस्तान के वजीर ए आजम शहबाज शरीफ और नए नवेले फील्ड मार्शल बनाए गए आर्मी चीफ आसिम मुनीर तुर्की को थैक्यू बोलने के लिए अंकारा पहुंच गए। ऐसे में ग्रीस के एक बड़े डिप्लोमैट का मानना है कि समय आ गया है जब भारत और ग्रीस मिलकर नई ऊंचाईयों पर ले जाए। ग्रीस और भारत तुर्की-पाकिस्तान के खिलाफ एक बड़ा सैन्य मोर्चा खोल दें। ग्रीस के एक बड़े डिप्लोमैट ने कहा कि भारत और ग्रीस को अपने सैन्य सहयोग को जबरदस्त तरीके से मजबूत करना होगा।
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संडे गार्जियन के साथ ईमेल पर हुई बातचीत में, कनाडा, पोलैंड और आर्मेनिया में ग्रीस के पूर्व राजदूत और तुर्की में महावाणिज्यदूत, साथ ही 2006-2012 तक इस्तांबुल में रहने वाले ब्लैक सी इकोनॉमिक कोऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन (बीएसईसी) के महासचिव लियोनिडास क्रिसेंथोपोलोस ने भूमध्य सागर में तुर्की की भूमिका के बारे में बात की, साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि भारत और ग्रीस किस तरह से अपने संबंधों को बेहतर बना सकते हैं, ताकि विशेष रूप से रेसेप तैयप एर्दोगन से मुकाबला किया जा सके।
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ग्रीस और भारत एर्दोगन के खिलाफ एक सुरक्षा कवच के रूप में कार्य कर सकते हैं। कुछ व्यावहारिक सुझाव। सैन्य क्षेत्र में विशेष रूप से वायु सेना सहयोग में सहयोग में वृद्धि। यह ग्रीस के लिए सहायक होगा यदि भारतीय वायु सेना एथेंस को यह जानकारी दे सके कि हाल ही में भारत और पाकिस्तान के बीच हुए संक्षिप्त संघर्ष के दौरान राफेल ने कैसा प्रदर्शन किया। हिंद महासागर और भूमध्य सागर और एजियन सागर में संयुक्त सैन्य अभ्यास तुर्की और पाकिस्तान को अंतर्राष्ट्रीय कानून के अनुसार कार्य करने की चेतावनी देगा। कश्मीर मुद्दे पर ग्रीस का भारत को और अधिक खुला समर्थन तथा तुर्की द्वारा ग्रीस के खिलाफ इस्तेमाल किए जाने वाले मुद्दों और खतरों पर भारत का ग्रीस को समर्थन। संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर एथेंस और दिल्ली के बीच घनिष्ठ सहयोग। अंत में, दोनों पक्षों के बीच परमाणु प्रौद्योगिकी में एक प्रभावी सहयोग तुर्की और पाकिस्तान को सशस्त्र संघर्षों के लिए परिस्थितियाँ बनाने से पहले दो बार सोचने पर मजबूर करेगा।
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