FBI प्रमुख ने कोविड China की प्रयोगशाला से पैदा होने की संभावना जतायी, चीन ने खारिज किया

Covid
प्रतिरूप फोटो
Google Creative Commons

मध्य चीन के वुहान शहर से 2019 के अंत में कोरोना वायरस किस तरह फैलना शुरू हुआ, इस पर एफबीआई के गोपनीय फैसले की यह पहली बार सार्वजनिक पुष्टि है। रे ने फॉक्स न्यूज को दिये साक्षात्कार में कहा, ‘‘एफबीआई ने पिछले कुछ समय से आकलन किया है कि इस बात की पूरी संभावना है कि महामारी एक शक्तिशाली प्रयोगशाला से शुरू हुई घटना है।’’

एफबीआई के निदेशक क्रिस्टोफर रे ने कहा है कि एजेंसी का मानना है कि इस बात की पूरी संभावना है कि घातक कोविड-19 महामारी वुहान में चीन की सरकार के नियंत्रण वाली एक प्रयोगशाला से निकली। मध्य चीन के वुहान शहर से 2019 के अंत में कोरोना वायरस किस तरह फैलना शुरू हुआ, इस पर एफबीआई के गोपनीय फैसले की यह पहली बार सार्वजनिक पुष्टि है। रे ने फॉक्स न्यूज को दिये साक्षात्कार में कहा, ‘‘एफबीआई ने पिछले कुछ समय से आकलन किया है कि इस बात की पूरी संभावना है कि महामारी एक शक्तिशाली प्रयोगशाला से शुरू हुई घटना है।’’

कुछ दिन पहले ही खबर आई थी कि ऊर्जा विभाग के ‘कम विश्वास वाले’ आकलन में कहा गया था कि कोविड-19 संभवत: चीन में एक प्रयोगशाला में रिसाव से पैदा हुआ। कुछ अध्ययन से यह संकेत मिलता है कि वुहान में पशुओं से मनुष्य में वायरस पहुंचा जो संभवत: शहर के सीफूड और वन्यजीव बाजार में हुआ। यह बाजार वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के पास स्थित है। मंगलवार को प्रसारित साक्षात्कार में एफबीआई प्रमुख ने यह भी कहा कि चीन वैश्विक महामारी के स्रोत का पता लगाने के प्रयासों को बाधित करने की हरसंभव कोशिश कर रहा है।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं बस यह टिप्पणी करना चाहूंगा कि चीन की सरकार यहां काम को अवरुद्ध करने के लिए सर्वश्रेष्ठ प्रयास कर रही है। यह हमारे लिए दुर्भाग्यपूर्ण है।’’ रे ने कहा कि एफबीआई में ऐसे विशेषज्ञ हैं जो ‘‘जैविक खतरों पर ध्यान केंद्रित करते हैं, जिसमें कोविडजैसे नये वायरस मिले हैं, और इस तरह की चिंताएं कि वेकुछ बुरे लोगों के, एक शत्रु राष्ट्र, एक आतंकवादी, अपराधी के खराब हाथों में हैं।’’

रे के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया में चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने कहा कि चीन वायरस के मूल का पता लगाने के मुद्दे पर किसी भी तरह की राजनीतिक हेरफेर का पुरजोर विरोध करता है। उन्होंने बीजिंग में एक प्रश्न के उत्तर में कहा, ‘‘विज्ञान के एक विषय के लिए खुफिया समुदाय को लगाना इस बात का स्पष्ट संकेत है कि मुद्दे का राजनीतीकरण किया गया है। अमेरिका के खुफिया समुदाय के कहानी गढ़ने के ट्रैक रिकॉर्ड को देखते हुए प्रामाणिकता नहीं के बराबर है।’’

माओ ने कहा कि ‘प्रयोगशाला रिसाव’ वाली कहानी को हवा देकर चीन को बदनाम करने के प्रयास में अमेरिका सफल नहीं होगा, बल्कि खुद की साख खराब करेगा। उन्होंने कहा, ‘‘हम अमेरिका से आग्रह करते हैं कि विज्ञान और तथ्यों का सम्मान करे और इस मुद्दे को राजनीतिक रंग देना बंद करे।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़