बिहार की गरिमा ने UPSC सिविल सेवा परीक्षा में दूसरा स्थान हासिल किया

Garima of Bihar
प्रतिरूप फोटो
Google Creative Commons

राज्यपाल आर्लेकर ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि इस परीक्षा में पांच शीर्ष स्थान प्राप्त करने वाले अभ्यर्थियों में प्रथम चार स्थानों पर बेटियां हैं। उन्होंने कहा कि बक्सर की गरिमा लोहिया ने द्वितीय स्थान प्राप्त करके बिहार का गौरव बढ़ाया है।

बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा परीक्षा-2022 मेंसफल रहे अभ्यर्थियों को बधाई दी और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। राज्यपाल आर्लेकर ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि इस परीक्षा में पांच शीर्ष स्थान प्राप्त करने वाले अभ्यर्थियों में प्रथम चार स्थानों पर बेटियां हैं। उन्होंने कहा कि बक्सर की गरिमा लोहिया ने द्वितीय स्थान प्राप्त करके बिहार का गौरव बढ़ाया है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने संघ लोक सेवा आयोग सिविल सेवा परीक्षा 2022में सफल अभ्यर्थियों को बधाई एवं शुभकामनायें दी हैं तथा उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।

कुमार ने कहा कि इस बार संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा परीक्षा में शीर्ष चार में लड़कियां ही रहीं हैं। उन्होंने शीर्ष चार में स्थान प्राप्त करने वाली इशिता किशोर, गरिमा लोहिया, उमा हरति एन. एवं स्मृति मिश्रा को विशेष तौर पर बधाई देते हुये कहा है कि यह बेहद खुशी की बात है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बक्सर की गरिमा लोहिया ने देश में दूसरा स्थान प्राप्त करके राज्य का नाम रोशन किया है। उन्होंने कहा कि देश की बेटियों की यह सफलता आधी आबादी को प्रेरणा प्रदान करेगी। किरोड़ीमल कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय से वाणिज्य स्नातक गरिमा ने अपने वैकल्पिक विषयों के रूप में वाणिज्य और लेखा के साथ दूसरा स्थान हासिल किया।

स्नातक पूरा करने के बाद उन्होंने तैयारी शुरू की। कोविड-19 के प्रकोप के बाद, वह अपने गृह नगर लौट आईं और अपनी तैयारी जारी रखी थी। वर्ष 2015 में गरिमा के पिता का निधन हो गया था। उसके बाद, गरिमा की मां ने पूरे परिवार की देखभाल की। गरिमा ने दसवीं तक की पढ़ाई बक्सर में ही की। बाद में, वह अपनी उच्च माध्यमिक शिक्षा के लिए वाराणसी चली गईं। उन्होंने अपने दूसरे प्रयास में परीक्षा में सफलता हासिल की। बक्सर में पिपरपति रोड, बंगला घाट के पास स्थित उनके घर पर उन्हें और उनके परिवार को बधाई देने के लिए सैकड़ों स्थानीय लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा।

गरिमा ने कहा, ‘‘मैं अपने बचपन के दिनों से यूपीएससी परीक्षा में शामिल होने के लिए उत्सुक थी। मुझे यकीन था कि मैं यूपीएससी परीक्षा ‘पास’ कर लूंगी, लेकिन मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं दूसरा स्थान हासिल करूंगी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘स्नातक करने के बाद मैंने सिविल सर्विसेज की तैयारी शुरू की। मेरी मां और परिवार के सदस्यों ने मेरी पूरी यात्रा में मेरा बहुत समर्थन किया।’’ गरिमा ने परिणाम की घोषणा के तुरंत बाद संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने अपनी तैयारी काफी संतुलित रखी और तैयारी के दौरान वह ‘ब्रेक’ लेती थीं और अपने दोस्तों और रिश्तेदारों से मिलती थीं।

उन्होंने कहा, ‘‘प्रेरणा, स्वाध्याय और विश्लेषण किसी को भी परीक्षा में सफल बनाएंगे। यूपीएससी परीक्षा में सफलता हासिल करने के लिए उचित मार्गदर्शन जरूरी है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप छोटे शहर या बड़े शहर में सिविल सेवाओं की तैयारी करते हैं। लेकिन मुझे एक बात जरूर कहनी चाहिए कि घर पर सिविल सेवा की तैयारी के कई फायदे हैं... मैंने दिन में लगभग 8-10 घंटे पढ़ाई की।’’ गरिमा ने कहा, ‘‘मैं सेवा में शामिल होने के बाद महिला सशक्तिकरण और शिक्षा क्षेत्र के लिए काम करना चाहूंगी। हमारा देश तेजी से विकास कर रहा है और इसमें काफी संभावनाएं हैं। मैं युवाओं के लिए काम करना चाहती हूं। हमारे देश के पास युवा शक्ति का खजाना है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़