शासकीय आदेश अमेरिका की मूल भावना के खिलाफ: बेरा
बेरा ने कहा है कि राष्ट्रपति ट्रंप का प्रवासियों और शरणार्थियों पर यात्रा प्रतिबंध लगाने वाला शासकीय आदेश उस मूल भावना के खिलाफ है जिससे अमेरिका बना है और यह एक ‘‘नाटकीय कदम’’ है।
वाशिंगटन। भारतीय मूल के अमेरिकी सांसद अमी बेरा ने कहा है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का प्रवासियों और शरणार्थियों पर यात्रा प्रतिबंध लगाने वाला शासकीय आदेश उस मूल भावना के खिलाफ है जिससे अमेरिका बना है और यह एक ‘‘नाटकीय कदम’’ है। ट्रंप के शासकीय आदेश के खिलाफ हो रहे विरोध में सुर में सुर मिलाते हुये बेरा ने एक बयान में कहा, ‘‘कांग्रेस का सदस्य होने के नाते उन कदमों के खिलाफ बोलना मेरा कर्तव्य है जो मेरे अनुसार अमेरिका विरोधी हैं और मैं डेमोक्रेटिक और रिपब्लिकन पार्टी के अपने सहयोगियों से भी ऐसा ही करने का अनुरोध करता हूं।’’
उन्होंने कहा कि शुकवार को जब से आदेश पर हस्ताक्षर किये गये है तब से देश के कानून का पालन करने वाले और वैध नागरिक अव्यवस्था और अस्थिरता का सामना कर रहे हैं। 51 वर्षीय बेरा ने कहा, ‘‘कर्मचारियों और छात्रों के बीच अस्थिरता पैदा हो गयी है और हवाई अड्डों पर परिवारों और कारोबारियों पर यह कहर बनकर टूट रही है। यह शासकीय आदेश नाटकीय कदम है जिसमें संविधान की समझ और सम्मान की कमी दिखती है और उस मूल भावना के खिलाफ है जो हमें अमेरिकी बनाती है।’’ बेरा ने कहा कि इस फैसले से विश्व में जो संदेश गया है ‘‘वह यह नहीं दर्शाता कि हमारा प्रवासियों का देश हैं। हम उनके लिए अपने दरवाजे नहीं बंद करेंगे जो हिंसा से भाग रहे हैं या हम लोगों को उनके धर्म के आधार पर निशाना नहीं बनायेंगे।’’
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