हसीना के बेटे की हत्या की साजिश का पर्दाफाश अमेरिकी मदद से
वाशिंगटन। बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के बेटे की अमेरिका में अपहरण और हत्या की साजिश का पर्दाफाश करने वाली बांग्लादेश की जांच में अमेरिका ने मदद मुहैया कराई थी। एक वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारी ने षड़यंत्र का पर्दाफाश करने के पुलिस के दावे के एक दिन बाद यह बात कही। अधिकारी ने कहा, ‘‘अमेरिका के विधि मंत्रालय ने इस मामले में बांग्लादेश सरकार के कानूनी मदद के अनुरोध पर कार्रवाई की।’’
उनसे उन रिपोर्टों के बारे में पूछा गया था जिनमें कहा गया है कि विधि मंत्रालय एवं एफबीआई ने हसीना के बेटे सजीब वाजिद जॉय की हत्या की साजिश में विपक्षी बीएनपी के मुखपत्र ‘अमार देश’ के संपादक महमूदुर रहमान के संबंध से जुड़े सबूत मुहैया कराए हैं। बहरहाल, अधिकारी ने इस बात की विस्तृत जानकारी देने से इनकार कर दिया कि बांग्लादेश को किस प्रकार की मदद मुहैया कराई गई थी। अधिकारी ने कहा, ‘‘जब अमेरिकी सरकार कानूनी सलाह के अनुरोध पर कानून प्रवर्तन सूचना साझा करती है तो आम तौर पर हम इस पर टिप्पणी नहीं करते।’’ अधिकारी ने कहा, ‘‘बांग्लादेश सरकार की जांच संबंधी प्रश्नों के लिए मैं आपसे बांग्लादेशी अधिकारियों से बात करने को कहूंगा।’’
बांग्लादेश पुलिस ने मंगलवार को दावा किया था कि हिरासत में लिये गए विपक्ष समर्थक दो वरिष्ठ पत्रकारों का हसीना के बेटे को अमेरिका में अगवा करने और उनकी हत्या करने की साजिश रचने के मामले में संबंध होने का सबूत मिला है। पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया के सलाहकार एवं संपादक शफीक रहमान को जॉय की हत्या की साजिश के मामले में हिरासत में लिया गया है और पुलिस उनसे पूछताछ कर रही है। पुलिस ने बताया कि 62 वर्षीय महमूद कई अन्य आरोपों के तहत वर्ष 2013 से जेल में हैं। उन्हें पूछताछ के लिए हिरासत में लेने की खातिर अदालत का आदेश प्राप्त करने की कानूनी प्रक्रिया जारी है।
न्यूयार्क की एक अदालत ने वर्ष 2015 में बीएनपी के नेता महमूद उल्लाह मामुन के बेटे रिजवी अहमद सीजर को अमेरिका में जॉय की गतिविधियों की सूचना प्राप्त करने के लिए एफबीआई एजेंट रोबर्ट लुस्तिक को रिश्वत देने का दोषी ठहराया था। मीडिया की रिपोर्टों के अनुसार सीजर ने यह बात कबूल की थी कि उसका इरादा जॉय को ‘डराने’, उनका ‘अपहरण करने’ और उन्हें ‘चोट पहुंचाने’ का था जिसके बाद बिचौलिए जोहानिस थेलर और एफबीआई एजेंट को भी दोषी ठहराया गया था।
इस प्रकार के आरोप भी लगाए जा रहे हैं कि बीएनपी और उसके सहयोगी दलों के कुछ शीर्ष नेताओं ने इंग्लैंड, अमेरिका और बांग्लादेश की राजधानी ढाका के पलटन और देश के अन्य हिस्सों में सितंबर 2012 से पहले मुलाकातें कीं और जॉय के अपरहण एवं उनकी हत्या की साजिश रचीं।
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