उत्तरी कोरिया और दक्षिणी कोरिया के बीच दुश्मनी कैसे शुरू हुई? रूस और अमेरिका ने कैसे जलाई देश के बंटवारे की चिंगारी

North Korea
Google Free license
रेनू तिवारी । Oct 14 2022 3:40PM

दुनिया का सबसे तानाशाह देश कहा जानें वाले उत्तर कोरिया में एक व्यक्ति की सत्ता है। उसी की हुकूमत है लेकिन इस देश का नाम आधिकारिक तौर पर डेमोक्रेटिक पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया हैं। यहां पर दिखावे के लिए एक रबड़ स्टैंप संसद है और सुपर पीपल्स एसेब्ली भी है जिसमें कानून बनाये जाते हैं।

उत्तर कोरिया एक ऐसा देश है जो पूरी दुनिया से एक तरह से आइसोलेटिड हैं। लगातार बैलास्टिक मिसाइलों का परिक्षण, न्यूक्लियर बमों को ऑटोमेटिक मिसाइल में शामिल करना, हथियारों की खूब खरीदारी, मानव अधिकारों का हनन करने में अव्वल नंबर, अंतरराष्ट्रीय कानूनों की धज्जियां उड़ाने वाले उत्तर कोरिया पर विकसित देशों के द्वारा कई तरह के प्रतिबंध लगाए गये हैं। इसी कारण उत्तर कोरिया चीन और रूस जैसे बड़े देशों के साथ सीमाएँ साझा करने के बाद भी अलग-थलग हैं। उत्तर कोरिया आधिकारिक तौर पर डेमोक्रेटिक पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया (DPRK), पूर्वी एशिया का एक देश है। यह कोरियाई प्रायद्वीप के उत्तरी आधे हिस्से का गठन करता है और दक्षिणी हिस्सा दक्षिण कोरिया के नाम से जाना जाता है।

उत्तर कोरिया बनाम दक्षिण कोरिया

दुनिया का सबसे तानाशाह देश कहा जानें वाले उत्तर कोरिया में एक व्यक्ति की सत्ता है। उसी की हुकूमत है लेकिन इस देश का नाम आधिकारिक तौर पर डेमोक्रेटिक पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया हैं। यहां पर दिखावे के लिए एक रबड़ स्टैंप संसद है और सुपर पीपल्स एसेब्ली भी है जिसमें कानून बनाये जाते हैं। 

वहीं इसके विपरीत दक्षिण कोरिया एक खुले विचारों वाला एक स्वतंत्र देश हैं। दक्षिण कोरिया आधिकारिक तौर पर कोरिया गणराज्य (आरओके), पूर्वी एशिया में एक देश है। यह कोरियाई प्रायद्वीप के दक्षिणी भाग का गठन करता है और उत्तर कोरिया के साथ एक भूमि सीमा साझा करता है। इसके पश्चिमी पीले सागर है, पूर्व में जापान से लगने वाला सागर बहता हैं। दक्षिण कोरिया पूरे प्रायद्वीप और आस-पास के द्वीपों की एकमात्र वैध सरकार होने का दावा करता है। इसकी आबादी 51.75 मिलियन है, जिसमें से लगभग आधा सियोल कैपिटल एरिया में रहता है, जो दुनिया का पांचवा सबसे बड़ा महानगर है। 

इसे भी पढ़ें: हिमाचल प्रदेश में बजा चुनावी बिगुल, 12 नवंबर को होगा मतदान, नतीजे 8 दिसंबर को आएंगे 

दक्षिणी कोरिया को युद्ध के लिए उकसाता है उत्तर कोरिया

विचारधारा के अनुसार दो हिस्सों में बंटा कोरियाई प्रायद्वीप एक दूसरे का कट्टर विरोधी हैं। जहां उत्तर कोरिया रूस और चीन का समर्थन करता है वहीं इसके विपरीत दक्षिणी कोरिया एक तरह से अमेरिका से प्रभावित हैं। यहां के नेशनल मुद्दे और राजनीति में भी अमेरिकी हस्ताक्षेप रहता है। अगर जियो पॉलिटिक्स की नजर से देखा जाए तो अमेरिका उत्तर कोरिया का विरोध करता है क्योंकि वह रूस का समर्थक हैं। वहीं दक्षिण कोरिया अमेरिका का नजदीकी माना जाता है इस लिए रूस इसकी अलोचना करता हैं। दोनों देश सीमा साझा करने के बावजूद एक-दूसरे के दुश्मन हैं। उत्तर कोरिया के द्वारा बार बार दक्षिणी कोरिया को युद्ध के लिए उकसाने का काम किया जाता हैं। दक्षिण कोरिया के सागर के पास उत्तर कोरिया बैलास्टिक मिलाइल का परिक्षण करता हैं। जपान जैसे देशों के उपर से मिसाइल के लिए रास्ता बनाता है। ऐसे में उत्तर कोरिया इस तरह की हरकतें करने के कारण कई सारे प्रतिबंधों का सामना कर रहा हैं। 

इसे भी पढ़ें: भारतीय छात्र पर चाकू से हमले पर विदेश मंत्रालय बोला, परिवार के संपर्क में हैं हम, मामले को गंभीरता से लिया जाएगा 

उत्तरी कोरिया से दक्षिणी कोरिया की दुश्मनी कैसे शुरू हुई?

शीत युद्ध का समय चल रहा था। पूरी दुनिया एक तरह से दो गुटों में बट गयी थी। सोवियत संघ और अमेरिका के बीच शीत युद्ध चल रहा था। ऐसे में अमेरिका ने यूरोप के देशों के साथ मिल कर सैन्य संगठन नाटो बनाया वहीं दूसरी और रूस ने अपने साथ खड़े देशों को मिलाकर वारसा पेक्ट बनाया। दोनों ही देश एक दूसरे को नीचा दिखाने के लिए लगातार अपनी सैन्य शक्तियों को बढ़ाने की होड़ में लगे थे। ऐसे में एक भी गलती शीत युद्ध को तीसरे विश्व युद्ध में बदल सकती थी। इसी परिस्थिति से प्रभावित होकर कोरियाई युद्ध 25 जून, 1950 को आरंभ हुआ। उत्तरी कोरिया ने दक्षिणी कोरिया पर आक्रमण किया। यह शीत युद्ध काल में लड़ा गया सबसे पहला और सबसे बड़ा संघर्ष था। एक तरफ उत्तर कोरिया था जिसका समर्थन कम्युनिस्ट सोवियत संघ तथा साम्यवादी चीन कर रहे थे, दूसरी तरफ दक्षिणी कोरिया था जिसकी रक्षा अमेरिका कर रहा था। इस युद्ध की समाप्ति बिना किसी निर्णय के कर दी गयी। इस युद्ध में बहुत ज्यादा जन क्षति हुई। इसी युद्ध के कारण अमेरिका और रूस के बीच तीसरे विश्व युद्ध जैसी स्थिति बन गयी थी।

1904-1905 में हुए रूस-जापान युद्ध में जापान की हार हुई थी इस दौरान जापान को कोरियाई प्रायद्वीप पर अपना कब्जा छोड़ना पड़ा था। जापान ने लंबे समय तक कोरियाई साम्राज्य को समाप्त करके अपना कब्जा कर दिया था। ऐसे में जब कोरियाई प्रायद्वीप आजाद हुआ तो यहा पर एक बार फिर कोरियाई साम्राज्य स्थिपित हुआ। कोरिया अपना शासन आराम से चला रहा था लेकिन सन् 1945 में द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति के बाद शीत युद्ध के दौरान यह सोवियत संघ और अमेरिका के कब्जे वाले क्षेत्रों में बांटा दिया गया। यहीं से शुरू हुई दोनों देशों की दुश्मनी।

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़