आव्रजन प्रतिबंध के अस्थायी रहने की है उम्मीद: संयुक्त राष्ट्र
गुटेरेस ने उम्मीद जताई कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का आव्रजन प्रतिबंध संबंधी आदेश ‘‘अस्थायी’’ है और अमेरिका शरणार्थियों की रक्षा करने की अपनी ‘‘पुरानी परंपरा’’ को जारी रखेगा।
संयुक्त राष्ट्र। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने उम्मीद जताई कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का आव्रजन प्रतिबंध संबंधी आदेश ‘‘अस्थायी’’ है और अमेरिका शरणार्थियों की रक्षा करने की अपनी ‘‘पुरानी परंपरा’’ को जारी रखेगा। गुटेरेस ने अदिस अबाबा में अफ्रीकी संघ के शिखर सम्मेलन में सोमवार को कहा, ‘‘मुझे यह बात स्पष्ट रूप से पता है कि शरणार्थी संरक्षण की गारंटी देना बहुत जरूरी है और शरणार्थियों को उस स्थान पर जाने की अनुमति देना अत्यंत महत्वपूर्ण है कि जहां उन्हें पर्याप्त सुरक्षा मिल सके।’’
उन्होंने कहा कि अमेरिका की शरणार्थियों को सुरक्षा मुहैया कराने की पुरानी परंपरा रही है और उनको ‘‘बहुत’’ उम्मीद है कि ‘‘जो कदम उठाए गए हैं, वे अस्थायी हैं। मुझे उम्मीद है कि शरणार्थियों की रक्षा अमेरिका के एजेंडे में फिर से उपर के स्थान पर आएगी।’’ संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने ट्रंप प्रशासन द्वारा शरणार्थियों पर लगाए गए प्रतिबंध के मद्देनजर अमेरिका और दुनिया में अराजकता एवं संशय पर ‘‘चिंता व्यक्त की’’ और दोहराया कि संयुक्त राष्ट्र को उम्मीद है कि वाशिंगटन ने जो कदम उठाए हैं, वे अस्थायी हैं।
उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के पास ऐसे पुष्ट मामले नहीं है जिनमें नई नीतियों के कारण उसका कोई स्टाफ कर्मी प्रभावित हुआ हो। दुजारिक ने दूतों, सरकारी अधिकारियों एवं अमेरिका में अंतरराष्ट्रीय संगठनों के लिए काम करने वाले कर्मियों के लिए आवश्यक वीजा श्रेणियों का जिक्र करते हुए एक नोट में कहा, ‘‘संयुक्त राष्ट्र सप्ताहांत से अमेरिकी अधिकारियों के संपर्क में है और उसे भरोसा दिलाया गया है कि जी-2 और जी-4 वीजा धारकों को शासकीय आदेश से छूट दी जाएगी। संयुक्त राष्ट्र को आश्वासन मिले हैं कि संयुक्त राष्ट्र कर्मियों की यात्रा नई नीति से प्रभावित नहीं होगी।’’ दुजारिक ने कहा कि महासचिव ने दुनिया भर में अल्पसंख्यकों, शरणार्थियों एवं प्रवासियों, खासकर मुसलमानों के साथ हो रहे भेदभाव पर चिंता व्यक्त की है।
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