इमरान खान का दावा, जल्द चुनाव नहीं हुए तो पाकिस्तान में आर्थिक संकट और गहराएगा

Imran khan
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पूर्व प्रधानमंत्री ने शाहबाज शरीफ के नेतृत्व वाली सरकार के अप्रैल में सत्ता में आने के बाद तीसरी बार पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में बढ़ोतरी के मद्देनजर पिछले हफ्ते विरोध-प्रदर्शन का आह्वान किया था।

इस्लामाबाद। पाकिस्तान के अपदस्थ प्रधानमंत्री इमरान खान ने आगाह किया है कि अगर नकदी की कमी से जूझ रहे मुल्क में जल्द चुनाव नहीं कराए गए तो यहां आर्थिक तथा राजनीतिक संकट और गहरा हो जाएगा। इस बीच इमरान के समर्थकों ने प्रमुख शहरों में बढ़ती महंगाई के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन किया। पूर्व प्रधानमंत्री ने शाहबाज शरीफ के नेतृत्व वाली सरकार के अप्रैल में सत्ता में आने के बाद तीसरी बार पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में बढ़ोतरी के मद्देनजर पिछले हफ्ते विरोध-प्रदर्शन का आह्वान किया था। रविवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए इमरान ने कहा था कि अगर समयपूर्व चुनाव नहीं कराए गए तो मुल्क के आर्थिक तथा राजनीतिक हालात ‘और खराब’ हो जाएंगे। पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा, “मैं आपका (लॉन्ग मार्च के लिए) आह्वान करूंगा…... अगर स्वतंत्र और पारदर्शी चुनाव नहीं हुए तो अराजकता और फैलेगी।” 

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इमरान ने पेट्रोलियम उत्पादों पर सब्सिडी वापस लेने के लिए सरकार की आलोचना की और कहा कि उनके नेतृत्व वाली पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) नीत पिछली सरकार ने कीमतें बढ़ाने की अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की मांग का विरोध किया था। इमरान ने कहा, “यह सरकार दो महीने के लिए आईएमएफ के कार्यक्रम का हिस्सा है, जबकि हम ढाई साल तक इसमें रहे। पर मेरी सरकार ने ईंधन की कीमतें बढ़ाने की आईएमएफ की शर्त के खिलाफ पेट्रोल के दाम में कटौती की थी।” उन्होंने मौजूदा सरकार पर ‘अर्थव्यवस्था को संभालने में असमर्थ’ होने का आरोप भी लगाया और चेताया कि अगर मुल्क चुपचाप बैठा रहा तो आने वाले दिनों में कीमतें और अधिक बढ़ जाएंगी। नकदी की कमी से जूझ रहे पाकिस्तान में उच्च मुद्रास्फीति, घटते विदेशी मुद्रा भंडार, बढ़ते राजकोषीय घाटे और कमजोर होती घरेलू मुद्रा के चलते आर्थिक चुनौतियां लगातार बढ़ रही हैं। पाकिस्तानी रुपया सोमवार को अंतर-बैंक बाजार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 211 रुपये के रिकॉर्ड निचले स्तर तक गिर गया। वहीं, पाकिस्तान के विदेशी मुद्रा भंडार में भी भारी कमी आई है और उसके पास महज छह हफ्ते का आयात कवर बच गया है। 

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‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ अखबार के मुताबिक, इस्लामाबाद के एफ-9 पार्क, कराची के शाहरा-ए-कौदीन, लाहौर के लिबर्टी चौक, फैसलाबाद के घंटा घर चौक, रावलपिंडी के वाणिज्यिक बाजार, मुल्तान के शाह अब्दुल्ला चौक और पेशावर के हश्त नगरी गेट सहित विभिन्न जगहों पर बढ़ती महंगाई के विरोध में प्रदर्शन हुए। रावंलपिंडी में एक रैली को संबोधित करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री और पीटीआई नेता मुराद सईद ने कहा, “कश्मीरियों के दर्द को आवाज देने वाले इमरान खान से डरकर विश्व शक्तियों ने उनके शासन के खिलाफ साजिश रची, जबकि चोरों, लुटेरों और भ्रष्ट लोगों के झुंड ने एक आयातित सरकार बनाई है।” वहीं, पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) की उपाध्यक्ष मरियम नवाज ने मौजूदा सरकार के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन को लेकर इमरान पर निशाना साधा और पिछली सरकार की ‘त्रुटिपूर्ण नीतियों’ को बढ़ती मुद्रास्फीति के लिए जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा, “पाकिस्तान को एक आत्मनिर्भर नेता की जरूरत है।” मरियम ने ट्वीट किया, “फितना (अराजक) इमरान ने महंगाई के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन का आह्वान किया था, जिसके लिए वह खुद जिम्मेदार हैं।

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