United Nations: समुद्री जीवों के संरक्षण के लिए देशों के बीच समझौते पर सहमति बनी

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‘यूएन कन्वेंशन ऑन लॉ ऑफ सी’ 1994 में लागू हुआ और इससे पहले जैव विविधता एक स्थापित अवधारणा थी। संधि पर न्यूयॉर्क में दो हफ्ते तक चली वार्ता के बाद सहमति बनी है।

संयुक्त राष्ट्र के सदस्य मुक्त समुद्र (हाई सी) में जैव विविधता को बचाने के लिए पहली बार एकीकृत संधि के लिए सहमत हुए हैं। इस क्षेत्र में पहले अस्पष्ट कानूनों की वजह से संरक्षण बाधित था और यह संधि इस दिशा में एक अहम मोड़ है। ‘यूएन कन्वेंशन ऑन लॉ ऑफ सी’ 1994 में लागू हुआ और इससे पहले जैव विविधता एक स्थापित अवधारणा थी। संधि पर न्यूयॉर्क में दो हफ्ते तक चली वार्ता के बाद सहमति बनी है।

राष्ट्रीय जलसीमा के बाहर पड़ने वाले इलाकों में समुद्री जीवों के संरक्षण की संशोधित रूप रेखा पर 20 साल से अधिक समय से चर्चा की जा रही थी लेकिन अतीत में किसी समझौते पर नहीं पहुंचा जा सका था। एकीकृत समझौता संधि पर शनिवार देर रात सहमति बनी और आधी पृथ्वी पर लागू होगी। जर्मनी की पर्यावरण मंत्री स्टेफी लेमके ने कहा कि संधि का होना अंतरराष्ट्रीय समुद्री सुरक्षा के लिए ऐतिहासिक और बड़ी सफलता है।

उन्होंने कहा, “पहली बार, हमें मुक्त समुद्र (हाई सी- समुद्र का वह क्षेत्र जो देश की जल सीमा से बाहर होता है) के लिए एक बाध्यकारी समझौता मिल रहा है, जो अब तक शायद ही संरक्षित था। ” मंत्री ने कहा कि लुप्तप्राय प्रजातियों समेत अन्य व्यापक संरक्षण अब पृथ्वी की सतह के 40 प्रतिशत से अधिक हिस्से पर संभव है। संधि महासागरों में वाणिज्यिक गतिविधियों के लिए पर्यावरणीय प्रभाव आकलन करने के लिए जमीनी नियम भी बनाती है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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