इजराइल-फलस्तीन के मुद्दे पर दो-देशों की सिद्धांत के समर्थन में आया भारत
भारत ने बुधवार को दोहराया कि इजराइल-फलस्तीन विवाद का समाधान दो-देश सिद्धांत में समाहित है साथ ही दोनों पक्षों से सभी विवादों के समाधान के लिए सीधी वार्ता करने की अपील की। विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत लगातार फलस्तीन का समर्थक रहा है और फलस्तीन-इजराइल विवाद के लिए दो देशों के बीच आपसी समाधान का आह्वान किया है।
नयी दिल्ली। भारत ने बुधवार को दोहराया कि इजराइल-फलस्तीन विवाद का समाधान दो-देश सिद्धांत में समाहित है साथ ही दोनों पक्षों से सभी विवादों के समाधान के लिए सीधी वार्ता करने की अपील की। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से पश्चिम एशिया शांति योजना की घोषणा के एक दिन बाद भारत ने इस मामले पर अपने रुख को दोहराया है।
MEA: We urge the parties to engage with each other, including on the recent proposals put forward by the United States, and find an acceptable two-State solution for peaceful coexistence. We will continue to follow developments in the region and engage with the parties concerned. https://t.co/opHThqhWio
— ANI (@ANI) January 29, 2020
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विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि भारत लगातार फलस्तीन का समर्थक रहा है और फलस्तीन-इजराइल विवाद के लिए दो देशों के बीच आपसी समाधान का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि हम अपना रुख दोहराते हैं कि अंतिम समाधान दोनों पक्षों के बीच सीधी बातचीत के जरिये होना चाहिए और वह दोनों को स्वीकार्य होना चाहिए। हम पक्षों का आह्वान करते हैं कि वे अमेरिकी सहित सभी प्रस्तावों पर विचार करें और शांतिपूर्ण सह अस्तित्व के लिए दोनों देशों के बीच स्वीकार्य समाधान तलाशें।
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कुमार ने यह टिप्पणी इजराइल-फलस्तीन के बारे में पूछे गए सवाल पर की। प्रवक्ता ने कहा कि हम क्षेत्र में होने वाली गतिविधियों पर नजर रखे रहेंगे और संबंधित पक्षों के संपर्क में रहेंगे। उल्लेखनीय है कि ट्रम्प ने मंगलवार को इजराइल-फलस्तीन विवाद के समाधान के उद्देश्य से पश्चिम एशिया शांति योजना पेश की थी। उन्होंने कहा था कि यरुशलम इजराइल की अविभाजित राजधानी बनी रहेगी। ट्रम्प ने अपनी योजना को ऐतिहासिक और शांति के लिए बड़ा कदम करार दिया था। व्हाइट हाउस में इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की मौजदूगी में ट्रम्प ने दुनिया में सबसे लंबे समय तक चलने वाले विवादों में से एक को खत्म करने के लिए ‘‘यर्थाथवादी’’ दो देशों के आपसी समाधान का प्रस्ताव किया। उन्होंने कहा कि इससे पश्चिम एशिया में दीर्घकालिक शांति आएगी।
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