Germany India Relations | 'जर्मनी ने कुशल भारतीयों के लिए वीजा की संख्या बढ़ाकर 90,000 की', नरेन्द्र मोदी ने किया ऐलान
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि भारत और जर्मनी के बीच रणनीतिक साझेदारी ऐसे समय में मजबूत सहारे के रूप में उभरी है जब दुनिया तनाव, संघर्ष और अनिश्चितता का सामना कर रही है।
नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि भारत और जर्मनी के बीच रणनीतिक साझेदारी ऐसे समय में मजबूत सहारे के रूप में उभरी है जब दुनिया तनाव, संघर्ष और अनिश्चितता का सामना कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को भारत और जर्मनी के बीच मजबूत होते संबंधों की सराहना की और हाल के सहयोग को उनकी गहरी होती दोस्ती का सबूत बताया।
18वें एशिया-पैसिफिक कॉन्फ्रेंस ऑफ जर्मन बिजनेस 2024 में बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा, "एक तरफ यहां सीईओ फोरम की बैठक हो रही है, वहीं दूसरी तरफ हमारी नौसेनाएं एक साथ अभ्यास कर रही हैं। जर्मन नौसेना के जहाज गोवा में पोर्ट कॉल पर हैं। और अब से कुछ ही समय में भारत और जर्मनी के बीच सातवां अंतर-सरकारी परामर्श भी आयोजित किया जाना है। उन्होंने कहा, "यानी भारत और जर्मनी के बीच दोस्ती हर कदम पर, हर मोर्चे पर गहरी हो रही है।" पीएम मोदी ने कहा कि इस साल भारत-जर्मनी रणनीतिक साझेदारी के 25 साल पूरे हो रहे हैं और कहा कि अगले 25 साल इस साझेदारी को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे।
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प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "यह वर्ष भारत-जर्मनी रणनीतिक साझेदारी का 25वां वर्ष है। अगले 25 वर्ष इस साझेदारी को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे। हमने आने वाले 25 वर्षों में विकसित भारत के लिए एक रोडमैप तैयार किया है।" प्रधानमंत्री मोदी ने जर्मन कैबिनेट द्वारा "भारत पर ध्यान" दस्तावेज जारी किए जाने का स्वागत किया, जिसमें बताया गया है कि कैसे दो मजबूत लोकतंत्र और अग्रणी अर्थव्यवस्थाएं वैश्विक भलाई के लिए सहयोग कर सकती हैं।
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उन्होंने कहा, "मुझे खुशी है कि ऐसे महत्वपूर्ण समय में जर्मन कैबिनेट ने भारत पर ध्यान केंद्रित दस्तावेज जारी किया है। भारत पर ध्यान केंद्रित दस्तावेज इस बात का खाका है कि कैसे दुनिया के दो मजबूत लोकतंत्र, दुनिया की दो अग्रणी अर्थव्यवस्थाएं मिलकर वैश्विक भलाई के लिए एक ताकत बन सकती हैं। यह स्पष्ट रूप से रणनीतिक साझेदारी को समग्र रूप से आगे बढ़ाने के दृष्टिकोण और प्रतिबद्धता को दर्शाता है। जर्मनी ने भारत की कुशल जनशक्ति पर जो भरोसा दिखाया है, वह विशेष रूप से आश्चर्यजनक है।"
जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्ज के साथ सातवीं अंतर-सरकारी परामर्श (आईजीसी) बैठक में भाग लेते हुए मोदी ने कहा कि भारत-जर्मनी के संबंध आदान-प्रदान के संबंध नहीं बल्कि दो सक्षम और मजबूत लोकतंत्रों की परिवर्तनकारी साझेदारी है। मोदी ने कहा, ‘‘दुनिया तनाव, संघर्ष और अनिश्चितता के दौर से गुजर रही है। हिंद-प्रशांत क्षेत्र में कानून के शासन और नौवहन की स्वतंत्रता को लेकर गंभीर चिंताएं हैं। इस समय में, भारत और जर्मनी के बीच रणनीतिक साझेदारी एक मजबूत सहारे के रूप में उभरी है।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह शोल्ज की भारत की तीसरी यात्रा है जो भारत तथा जर्मनी के बीच दोस्ती के ‘ट्रिपल जश्न’ को चिह्नित करता है। उन्होंने कहा, ‘‘2022 में बर्लिन में पिछले आईजीसी में हमने अपने द्विपक्षीय सहयोग के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लिए थे। दो वर्षों में, हमारे सामरिक संबंधों के विभिन्न क्षेत्रों में उत्साहजनक प्रगति हुई है। रक्षा, प्रौद्योगिकी, ऊर्जा, हरित और सतत विकास जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ रहा है जो आपसी विश्वास के प्रतीक बन गए हैं।’’ प्रधानमंत्री ने जर्मनी द्वारा घोषित ‘फोकस ऑन इंडिया’ रणनीति का भी स्वागत किया।
मोदी ने कहा, ‘‘मुझे खुशी है कि अपनी साझेदारी को विस्तार देने और बढ़ाने के लिए हम कई नई और महत्वपूर्ण पहल कर रहे हैं और ‘संपूर्ण सरकार’ से पूरे राष्ट्र के दृष्टिकोण की ओर बढ़ रहे हैं।’’ आईजीसी एक द्विवार्षिक कवायद है और पिछली बार इसका आयोजन मई 2022 में बर्लिन में किया गया था। प्रधानमंत्री मोदी और जर्मन चांसलर के बीच बैठक में जर्मन-भारतीय हरित और सतत विकास साझेदारी (जीएसडीपी) पर सहमति बनी थी। आईजीसी की शुरुआत 2011 में की गई थी। इसमें सहयोग की व्यापक समीक्षा और विभिन्न क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच जुड़ाव के नए क्षेत्रों की पहचान की जाती है।
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