भारत ने श्रीलंका के मछुआरों के लिए 15,000 लीटर केरोसिन भेजा

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भारत ने पड़ोसी देश को ईंधन आयात में मदद पहुंचाने के लिए श्रीलंका को 50 करोड़ डॉलर की अतिरिक्त सहायता दी थी। श्रीलंका हाल में अपने विदेशी मुद्रा भंडार में तीव्र गिरावट के बाद आयात का भुगतान करने के संघर्ष से जूझ रहा है।

कोलंबो|  भारत ने तमिल बहुत जाफना शहर में 700 मछुआरों एवं यांत्रिक नौका सेवाओं की मदद करने के लिए शनिवार को 15,000 लीटर केरोसिन श्रीलंका भेजा। नयी दिल्ली ने इससे एक दिन पहले कोलंबो को करीब 40,000 मीट्रिक टन पेट्रोल भेजा था। श्रीलंका इन दिनों सबसे गंभीर आर्थिक संकट से गुजर रहा है।

भारत ने पड़ोसी देश को ईंधन आयात में मदद पहुंचाने के लिए श्रीलंका को 50 करोड़ डॉलर की अतिरिक्त सहायता दी थी। श्रीलंका हाल में अपने विदेशी मुद्रा भंडार में तीव्र गिरावट के बाद आयात का भुगतान करने के संघर्ष से जूझ रहा है।

उसकी मुद्रा का अवमूल्यन हो गया है एवं देश में महंगाई आसमान छू रही है। जाफना में भारत के महावाणिज्य दूतावास ने ट्वीट किया, ‘‘ श्रीलंका को भारतीय सहायता जारी है। डेल्फ्ट, नैनातिवू, इलवैतिवू और अनालितिवू के 700 मछुआरों को 15,000 लीटर केरोसिन का उपहार दिया गया।

महावाणिज्य दूत श्री राकेश नटराज ने मात्स्यिकी मंत्री श्री डगलस देवानंद के साथ मिलकर वितरण शुरू किया, इस खेप का कुछ हिस्सा द्वीपों के बीच नौका सेवा में ईंधन के रूप में काम आएगा।’’ भारत ने शुक्रवार को श्रीलंका को उसके सबसे भयंकर आर्थिक संकट का मुकाबला करने में सहयोग पहुंचाने के अपने प्रयास के तहत उसे 700000 डॉलर से अधिक मूल्य की 25 टन चिकित्सा सामग्री सौंपी थी।

भारत ने सोमवार को कहा था कि उसने श्रीलंका को करीब 40,000 मीट्रिक टन पेट्रोल की आपूर्ति की है और इससे कुछ दिन पहले ही उसने उसे ईंधन की गंभीर कमी से निपटने के लिए भारतीय ऋण सुविधा के तहत 40,000 मीट्रिक टन डीजल दिया था।

पिछले सप्ताह भारत ने 9000 मीट्रिक टन चावल, 200 मीट्रिक टन दूध पाउडर, 24 मीट्रिक टन जीवनरक्षक दवाइयां श्रीलंका को भेजी थीं। शुक्रवार को श्रीलंका के प्रधानमंत्री ने भारत द्वारा ‘इस मुश्किल दौर’ में उनके देश को दी जा रही सहायता के लिए तारीफ की थी।

श्रीलंका 1948 में आजादी मिलने के बाद से सबसे बुरे आर्थिक संकट से गुजर रहा है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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