सिंधु जल का भारत के हिस्से का काफी पानी पाकिस्तान जाने से बचा

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[email protected] । Apr 4 2019 12:22PM

सूत्रों ने कहा कि 21 मई और 30 सितंबर के बीच इसके जल प्रवाह वाले राज्यों ने अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए भाखड़ा और पोंग जलाशयों से करीब 80 लाख एकड़ फुट जल की मांग की थी।

नयी दिल्ली। साझेदार राज्यों के साथ बेहतर समन्वय और भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड की करीबी निगरानी के चलते सिंधु के जल का भारत का छह लाख 74 हजार एकड़ फुट हिस्सा पाकिस्तान जाने से बच गया। जल संसाधन मंत्रालय के सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी। ये राज्य राजस्थान, हरियाणा, पंजाब और हिमाचल प्रदेश हैं। सूत्रों ने बताया कि बचाए गए इस जल का उपयोग गर्मियों के मौसम में किया जाएगा जब जलापूर्ति कम रहती है। उन्होंने इस पहल के बारे में बताया कि नदी के जल प्रवाह वाले राज्यों ने जितनी मात्रा में जल की मांग की थी उसकी तुलना में बोर्ड ने कम मात्रा में जलापूर्ति की। इसके साथ यह उम्मीद जताई गई थी कि इसमें पड़ने वाली कमी को छोटी नदियों और नहरों से पूरा कर लिया जाएगा। 

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सूत्रों ने कहा कि 21 मई और 30 सितंबर के बीच इसके जल प्रवाह वाले राज्यों ने अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए भाखड़ा और पोंग जलाशयों से करीब 80 लाख एकड़ फुट जल की मांग की थी। बोर्ड ने जलाशयों में जल के प्रवाह और नहरों के प्रवाह का अध्ययन किया। एक सूत्र ने बताया, ‘‘हमने पाया कि यदि मुख्य जलाशय से थोड़ा कम पानी भी छोड़ा जाएगा तो राज्यों की जरूरतें छोटी नदियों से छोड़े गए जल से पूरी हो सकती हैं।’’ उन्होंने कहा कि राज्यों की जरूरतें पूरी हो गईं और अतिरिक्त जल पाकिस्तान जाने से बच गया। बहरहाल, मंत्रालय ने ये आंकड़े आधिकारिक रूप से जारी नहीं किए हैं।

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वर्ष 1960 की सिंधु जल संधि के तहत भारत को पूरब की ओर बहने वाली तीन नदियों - रावी, ब्यास और सतलुज के जल पर अधिकार मिला। वहीं, पाक को सिंधु, चिनाब और झेलम के जल पर अधिकार मिला। भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड इन तीन पूर्वी नदियों के जल का वितरण भारत में इसके जल प्रवाह वाले राज्यों में करने में अहम भूमिका निभाता है। गौरतलब है कि भारत संधि के तहत अपने हिस्से के 93- 94 फीसदी जल का उपयोग करता है। शेष जल बगैर उपयोग के रह जाता है और पाकिस्तान चला जाता है। उरी हमले के बाद मंत्रालय सूत्रों ने कहा था कि भारत के हिस्से वाले जल का फाजिल हिस्सा पाक में नहीं जाने देने को सुनिश्चित करने के लिए निर्देश जारी किए गए हैं। इसके मुताबिक बोर्ड को पाक जाने वाले फाजिल जल के प्रवाह को रोकने के लिए कदम उठाने को कहा गया था। 

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