भारतीय-अमेरिकी सांसद रो खन्ना ने संरा प्रस्ताव पर मतदान से दूर रहने के भारत के फैसले पर निराशा जतायी

Ro Khanna

भारत इसका स्थायी सदस्य नहीं है और उसका दो साल का मौजूदा कार्यकाल इस साल खत्म हो रहा है। कैलिफोर्निया से डेमोक्रेटिक सांसद खन्ना ने शुक्रवार को ट्वीट किया,राष्ट्रपति जॉन एफ केनेडी 1962 में चीन के आक्रमण के खिलाफ भारत के साथ खड़े रहे थे।

वाशिंगटन, प्रतिष्ठित भारतीय-अमेरिकी सांसद रो खन्ना ने यूक्रेन पर रूस के हमले पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव पर मतदान में भाग न लेने के भारत के फैसले पर नाखुशी जतायी और कहा कि चीन की मौजूदा विस्तारवादी योजनाओं के खिलाफ नयी दिल्ली के साथ अमेरिका खड़ा रहेगा न कि रूस। भारत, चीन और संयुक्त अरब अमीरात रूसी हमले के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र प्रायोजित प्रस्ताव पर मतदान से शुक्रवार को दूर रहे जबकि रूस ने इस पर वीटो किया। इस प्रस्ताव के पक्ष में 11 और विपक्ष में एक वोट पड़ा। अमेरिका, ब्रिटेन, रूस, चीन और फ्रांस परिषद के स्थायी सदस्य हैं और उनके पास वीटो का अधिकार है।

भारत इसका स्थायी सदस्य नहीं है और उसका दो साल का मौजूदा कार्यकाल इस साल खत्म हो रहा है। कैलिफोर्निया से डेमोक्रेटिक सांसद खन्ना ने शुक्रवार को ट्वीट किया,राष्ट्रपति जॉन एफ केनेडी 1962 में चीन के आक्रमण के खिलाफ भारत के साथ खड़े रहे थे। चीन की मौजूदा विस्तारवादी योजनाओं के खिलाफ भारत के साथ अमेरिका खड़ा रहेगा न कि रूस। भारत के लिए पुतिन के खिलाफ स्वतंत्र आवाज उठाने का वक्त आ गया है।इससे दूर रहना स्वीकार्य नहीं है।

खन्ना के विचारों से सहमति जताते हुए कांग्रेस सदस्य एरिक स्वालवेन ने भी भारत के कदम को ‘‘निराशाजनक’’ बताया। उन्होंने कहा, रो खन्ना और मैं सबसे बड़े भारतीय-अमेरिका जिलों का प्रतिनिधित्व करते हैं और हमने अपने लोगों से जो सुना है, यह वोट उसके विपरीत है। भारतीय-अमेरिकी क्षेत्रीय अखंडता और मानवाधिकारों में यकीन रखते हैं।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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