Indian-origin के दक्षिण अफ्रीकी स्वतंत्रता सेनानी मूसी मूला का निधन

South Africa
प्रतिरूप फोटो
Google Creative Common

मूला को कई बार गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था लेकिन वह और तीन अन्य ‘मार्शल स्वाक्यर’ थाने से भाग गए थे। गैर कानूनी तरीके से दक्षिण अफ्रीका छोड़ने के बाद मूला दार-एस-सलाम में अफ्रीकी नेशनल कांग्रेस (एएनसी) के निर्वासित नेताओं के साथ मिल गए।

जोहानिसबर्ग। भारतीय मूल के दक्षिण अफ्रीकी स्वतंत्रता सेनानी मूसा ‘मूसी’ मूला का शनिवार को निधन हो गया। वह लंबे वक्त से बीमार थे। वह 88 वर्ष के थे। छोटे से शहर क्रिस्टियाना में जन्मे मूला ने ‘ट्रांसवाल इंडियन कांग्रेस’ (टीआईसी) की युवा शाखा के लिए काम करते समय रंगभेद का विरोध करने वाले पोस्टर गुप्त रूप से लगाने में सक्रिय भूमिका निभाई थी। बाद में मूला को टीआईसी के कार्यकारी के रूप में चुना गया था। उन्होंने इसके पूर्णकालिक आयोजक के रूप में भी सेवा दी थी। मूला को कई बार गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था लेकिन वह और तीन अन्य ‘मार्शल स्वाक्यर’ थाने से भाग गए थे।

इसे भी पढ़ें: Khalistan Supporters ने वाशिंगटन में भारतीय दूतावास पर हिंसा भड़काने की कोशिश की

गैर कानूनी तरीके से दक्षिण अफ्रीका छोड़ने के बाद मूला दार-एस-सलाम में अफ्रीकी नेशनल कांग्रेस (एएनसी) के निर्वासित नेताओं के साथ मिल गए। एएनसी ने 1969 में मूला को तत्कालीन बंबई में तैनात किया था जहां एएनसी का पहला विदेशी मिशन स्थित था। राजनीतिक बंदी के रूप में नेल्सन मंडेला की 27 साल बाद रिहाई के पश्चात 1990 में मूला वतन लौटे। साल 1994 में मंडेला के राष्ट्रपति चुने जाने के बाद मूला को ईरान में दक्षिण अफ्रीका का राजदूत नियुक्त किया गया। इसके बाद वह पाकिस्तान में उच्चायुक्त भी रहे। मूला के तीन बच्चे हैं। उनके अंतिम संस्कार के बारे कोई घोषणा अभी नहीं की गई है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़