Prabhasakshi NewsRoom: Joe Biden के औचक Ukraine दौरे से पहले America ने Russia को क्यों कर दी थी खबर?

Joe Biden Volodymyr Zelenskyy
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अमेरिकी राष्ट्रपति यूक्रेन दौरे पर भले अचानक पहुँचे थे लेकिन उनके दौरे से पहले अमेरिका ने रूस को सूचित कर दिया था कि बाइडन कीव जा रहे हैं इसलिए कहीं उस तरफ गलती से बमबारी मत कर देना या मिसाइल मत छोड़ देना।

रूस और यूक्रेन युद्ध को एक साल पूरा हो रहा है। दुनिया चाहती है कि यह युद्ध खत्म हो लेकिन रोज एक ऐसा मोड़ सामने आ जाता है जिससे लगता है कि यह युद्ध अब और लंबा खिंचेगा। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन जिस तरह अचानक यूक्रेन के दौरे पर पहुँचे और यूक्रेन को समर्थन बढ़ाने तथा रूस पर प्रतिबंधों को और बढ़ाने की घोषणा की, उससे साफ हो गया है कि यह युद्ध अभी चलता रहेगा। देखा जाये तो अब यह युद्ध रूस और यूक्रेन का रह ही नहीं गया है। दरअसल अब इस युद्ध में अमेरिका और रूस सीधे लड़ने की बजाय यूक्रेन के माध्यम से एक दूसरे से लड़ रहे हैं।

बहराहल, अमेरिकी राष्ट्रपति यूक्रेन दौरे पर भले अचानक पहुँचे थे लेकिन उनके दौरे से पहले अमेरिका ने रूस को सूचित कर दिया था कि बाइडन कीव जा रहे हैं इसलिए कहीं उस तरफ गलती से बमबारी मत कर देना या मिसाइल मत छोड़ देना। हम आपको यह भी बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति के यूक्रेन दौरे से ठीक दो महीने पहले यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की भी अमेरिका के दौरे पर पहुँचे थे जहां उनका भव्य स्वागत किया गया था और उन्होंने अमेरिकी संसद को भी संबोधित किया था।

जहां तक अमेरिकी राष्ट्रपति के यूक्रेन दौरे की बात है तो इसे दोनों देशों की एकजुटता दिखाने के कदम के तौर पर भी देखा जा रहा है। बाइडन ने यूक्रेन की राजधानी में पांच घंटे से अधिक समय बिताया। उन्होंने मैरीन्स्की पैलेस में जेलेंस्की से मुलाकात की, यूक्रेन के मारे गये जवानों को श्रद्धांजलि दी और अमेरिकी दूतावास के कर्मियों से भी मुलाकात की। जेलेंस्की के साथ अपने बयान में बाइडन ने एक साल पहले बने डर के माहौल को याद किया जब आशंका थी कि रूस के हमले में यूक्रेन की राजधानी पर जल्द कब्जा हो सकता है। बाइडन ने अमेरिकी और यूक्रेनी झंडों से सजे मंच से कहा, ‘‘एक साल बाद, कीव दृढ़ता से खड़ा है। लोकतंत्र खड़ा है। अमेरिकी आपके साथ खड़े हैं और दुनिया आपके साथ खड़ी है।’’ 

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हम आपको बता दें कि यूक्रेन युद्ध तेज होने की आशंकाओं के बीच बाइडन उसकी सहायता के लिए सहयोगी देशों को जोड़ने की खातिर प्रयासरत हैं। जेलेंस्की सहयोगी देशों से वादों के मुताबिक शस्त्र आपूर्ति तेज करने पर जोर दे रहे हैं और पश्चिमी देशों का आह्वान कर रहे हैं कि यूक्रेन को लड़ाकू विमानों की आपूर्ति की जाए। हालांकि, बाइडन ने लड़ाकू विमान देने इंकार किया है क्योंकि अमेरिका को डर है कि यदि उसके लड़ाकू विमान रूस के हाथ लगे तो वह अमेरिकी युद्धक विमानों की खूबियों से अवगत हो सकता है।

बाइडन के दौरे से यूक्रेन को क्या मिला, यदि इसके बारे में बात करें तो आपको बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति ने कीव में यूक्रेन को आधा अरब डॉलर की अतिरिक्त अमेरिकी सहायता देने की घोषणा भी की। बाइडन ने संघर्ष जारी रहने के बीच यूक्रेन को अमेरिकी और अन्य सहयोगी देशों का समर्थन दोहराया। जेलेंस्की ने कहा कि उन्होंने और बाइडन ने ‘‘लंबी दूरी की क्षमता वाले हथियारों के बारे में बात की और उन शस्त्रों की भी बात की जिन्हें पहले यूक्रेन को नहीं भेजा गया, लेकिन अब उनकी आपूर्ति की संभावना है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमारी बातचीत बहुत लाभकारी रही।’’ 

देखा जाये तो बाइडन की कीव और उसके बाद वारसॅा की यात्रा से यह स्पष्ट होता है कि अमेरिका रूसी बलों को यूक्रेन से पूरी तरह खदेड़ने तक उसके साथ खड़ा होने को तैयार है। यह भी काबिलेगौर है कि जेलेंस्की के लिए युद्ध का एक साल पूरा होने से पहले यूक्रेन की धरती पर उनके साथ बाइडन खड़े हो गये जोकि छोटी-मोटी बात नहीं है। बाइडन ने अपने संबोधन में साफ कहा भी है कि, ‘‘मैंने सोचा कि यह बात महत्वपूर्ण है कि युद्ध में यूक्रेन के लिए अमेरिका के समर्थन को लेकर कोई संदेह नहीं रहे।’’ 

इस यात्रा ने बाइडन को यूक्रेन में रूसी हमलों से हुए विनाश को सामने से देखने का अवसर भी प्रदान किया। गौरतलब है कि पिछले करीब एक साल में हजारों यूक्रेनी सैनिक और आम नागरिक मारे जा चुके हैं, लाखों शरणार्थी देश छोड़कर चले गये और यूक्रेन को अरबों डॉलर का नुकसान हुआ है। इसके अलावा, बाइडन की इस यात्रा को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के लिए चुनौती के रूप में भी देखा जा रहा है जिन्होंने उम्मीद की थी कि उनकी सेना कुछ ही दिन में कीव पर कब्जा जमा लेगी।

उधर, जहां तक बाइडन के यूक्रेन दौरे की रूस को जानकारी देने की बात है तो आपको बता दें कि अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने कहा है कि बाइडन के अमेरिका से प्रस्थान करने से कुछ ही देर पहले उनकी कीव यात्रा के बारे में मॉस्को को सूचित कर दिया गया था। वैसे अमेरिकी राष्ट्रपति के यूक्रेन दौरे की अटकलें काफी समय से लग रही थीं लेकिन व्हाइट हाउस ने बार-बार कहा था कि यूक्रेन के लिए राष्ट्रपति की यात्रा की कोई योजना नहीं है। लेकिन वह अचानक यूक्रेन पहुँच गये। हम आपको यह भी बता दें कि राष्ट्रपति के रूप में किसी युद्धग्रस्त क्षेत्र में बाइडन की यह पहली यात्रा है। इससे पहले उनके पूर्ववर्ती राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, बराक ओबामा और जॉर्ज डब्ल्यू. बुश ने अपने-अपने कार्यकाल में अफगानिस्तान और इराक की औचक यात्राएं की थीं तथा अमेरिकी सैनिकों एवं उन देशों के नेताओं से मुलाकात की थी।

बहरहाल, इस यात्रा के दौरान जहां अमेरिका ने यूक्रेन को समर्थन दोहराया है वहीं रूस और चीन को धमका भी दिया है। अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने चीन को यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में रूस का ‘घातक समर्थन’ जारी रखने को लेकर चेतावनी देते हुए कहा है कि इसके चलते अमेरिका के साथ उसके द्विपक्षीय संबंधों पर ‘गंभीर प्रभाव’ होंगे। अमेरिका के विदेश मंत्रालय के मुताबिक, ब्लिंकन और चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के वरिष्ठतम विदेश नीति अधिकारी वांग यी के साथ म्यूनिख में करीब एक घंटे तक बातचीत हुई थी। मंत्रालय ने बताया कि दोनों नेता अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए वहां गए थे। हम आपको बता दें कि करीब एक पखवाड़े पहले चीनी जासूसी गुब्बारे को अमेरिकी सीमा में मार गिराए जाने के बाद पहली बार दोनों देशों के शीर्ष राजनयिकों की आमने-सामने की मुलाकात हुई। ब्लिंकन ने चीन से यह भी कहा कि वह रूस को हथियार नहीं दे लेकिन चीन ने कह दिया है कि अमेरिका को अपनी हद में रहते हुए हमें इस तरह के सुझाव नहीं देने चाहिए।

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