2020 अमेरिकी चुनाव में हस्तक्षेप करने वाले देशों पर लगेगा जुर्माना, ईरान और रूस के हस्तक्षेप की आशंका

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खुफिया विभाग के निदेशक जॉन रैटक्लिफ और एफबीआई के निदेशक क्रिस रे ने कहा कि अमेरिका 2020 अमेरिकी चुनाव में हस्तक्षेप करने वाले देशों पर जुर्माना लगाएगा। उन्होंने कहा कि ईरान और रूस की इस हरकत के बावजूद अमेरिकी भरोसा रखें की उनका मत सुरक्षित है।

बोस्टन (अमेरिका)। अमेरिकी अधिकारियों ने मंगलवार रात एक दुर्लभ संवाददाता सम्मेलन में कहा कि ईरान, अमेरिकी मतदाताओं को धमकाने तथा कई राज्यों में अशांति के लिए जिम्मेदार है। वहीं ईरान एवं मास्को ने चुनाव में हस्तक्षेप करने के लक्ष्य से कुछ मतदाता पंजीकरण डाटा भी हासिल किये हैं। खुफिया विभाग के निदेशक जॉन रैटक्लिफ और एफबीआई के निदेशक क्रिस रे ने कहा कि अमेरिका 2020 अमेरिकी चुनाव में हस्तक्षेप करने वाले देशों पर जुर्माना लगाएगा। उन्होंने कहा कि ईरान और रूस की इस हरकत के बावजूद अमेरिकी भरोसा रखें की उनका मत सुरक्षित है।

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रैटक्लिफ ने कहा, ‘‘ यह हताश विरोधियों द्वारा की गई हताशा भरी कार्रवाई है।’’ दोनों अधिकारियों ने मतदाता पंजीकरण की जानकारी प्राप्त करने के लिए रूस और ईरान पर निशाना साधा हालांकि इस तरह के डाटा को कभी-कभी आसानी से हासिल किया जा सकता है। अधिकारियों ने उन पर देश के ‘डेटाबसे’ को ‘हैक’ करने का कोई आरोप नहीं लगाया है। फ्लोरिडा और पेंसिल्वेनिया सहित चार प्रांतों में डेमोक्रेटिक मतदाताओं को धमकी भरे ईमेल मिलने के बाद यह संवाददाता सम्मेलन बुलाया गया था। ये वे राज्य हैं, जहां रूझान स्पष्ट नहीं है और चुनाव में डेमोक्रेटिक या रिपब्लिकन किसी की भी जीत हो सकती है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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