इजराइल ने विवादास्पद यहूदी राष्ट्र कानून पारित किया
इजराइल की संसद ने देश को यहूदियों के मुल्क के तौर पर परिभाषित करने वाला विधेयक आज पारित कर दिया। हालांकि, इसके बाद अब अरब नागरिकों के प्रति धड़ल्ले से भेदभाव शुरू होने की आशंका जतायी जा रही है।
यरूशलम। इजराइल की संसद ने देश को यहूदियों के मुल्क के तौर पर परिभाषित करने वाला विधेयक आज पारित कर दिया। हालांकि, इसके बाद अब अरब नागरिकों के प्रति धड़ल्ले से भेदभाव शुरू होने की आशंका जतायी जा रही है। अरब सांसदों और फिलस्तीनियों ने इस कानून को नस्लवादी भावना से प्रेरित बताया और कहा कि संसद में हंगामेदार बहस के बाद इस विधेयक के पारित होने पर ‘‘ रंगभेद ’’ वैध हो गया है।
विधेयक 55 के मुकाबले 65 वोटों से पारित हो गया। इससे हिब्रू देश की राष्ट्रीय भाषा बन गई है और इसमें यहूदी समुदायों को बसाये जाने को राष्ट्रीय हित में बताया गया है। इससे पहले अरबी को आधिकारिक भाषा माना जाता था और उसे अब केवल विशेष दर्जा दिया गया है। यह विधेयक आज सुबह पारित किया गया। इसमें इजराइल को यहूदियों का ऐतिहासिक मातृभूमि बताया गया है और कहा गया है कि यहूदियों को वहां आत्मनिर्णय का अधिकार है। हालांकि, इसमें उस विवादास्पद उपधारा को राष्ट्रपति रिवेन रिवलिन सहित अन्य की आलोचना के बाद बदल दिया गया, जिसमें केवल यहूदी समुदाय के लोगों को बसाने की बात कही गई थी।
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