‘ट्रॉपिकल ट्रंप’ के नाम से प्रसिद्ध बोलसोनारो ब्राजील के नए राष्ट्रपति बने

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[email protected] । Oct 29 2018 11:09AM

सेना के पूर्व कैप्टन जेयर बोलसोनारो को रविवार को ब्राजील का नया राष्ट्रपति चुन लिया गया। चुनाव जीतने के बाद उन्होंने विशाल लैटिन अमेरिकी देश की दिशा में बुनियादी बदलाव लाने का वादा किया।

रियो डि जेनेरो। सेना के पूर्व कैप्टन जेयर बोलसोनारो को रविवार को ब्राजील का नया राष्ट्रपति चुन लिया गया। चुनाव जीतने के बाद उन्होंने विशाल लैटिन अमेरिकी देश की दिशा में बुनियादी बदलाव लाने का वादा किया। ब्राजील उन देशों की सूची में शामिल हो गया है जहां दक्षिणपंथियों ने सत्ता पर कब्जा जमा लिया है। ब्राजील की पूर्व सैन्य व्यवस्था द्वारा किये जाने वाले यातना के इस्तेमाल को खुला समर्थन देने और महिला द्वेषी, नस्ली और समलैंगिकों के प्रति पूर्वाग्रह रखने वाला बयान देने के लिये लोगों की आलोचना झेलने के बावजूद बोलसोनारो भ्रष्टाचार, अपराध और अर्थव्यवस्था की खस्ता हालत के खिलाफ मतदाताओं के आक्रोश को अपने पक्ष में करने में कामयाब रहे। 99.99 फीसदी मतपत्रों की गणना के बाद घोषित आधिकारिक नतीजों के अनुसार विवादास्पद निर्वाचित राष्ट्रपति बोलसोनारो को 55.13 फीसदी मत प्राप्त हुए जबकि उनके वामपंथी प्रतिद्वंद्वी फर्नांडो हद्दाद को 44.87 फीसदी मत मिले।

बोलसोनारो एक जनवरी को पद संभालेंगे। उन्होंने चुनाव में जीत के बाद अपने भाषण में कहा, ‘‘हम मिलकर ब्राजील की किस्मत बदलेंगे।’’उनके भाषण का उनके घर से फेसबुक पर सीधा प्रसारण किया गया। गत छह सितंबर को एक रैली के दौरान एक हमलावर ने उनके पेट में छुरा घोंप दिया था जिसके बाद से ही वह इस मंच का इस्तेमाल अपने प्रचार अभियान के लिए कर रहे थे। विजयी भाषण के दौरान उनके बगल में उनकी पत्नी बैठीं थीं। ‘ट्रॉपिकल ट्रंप’ के नाम से प्रसिद्ध बोलसोनारो ने सख्त लहजे में अपना भाषण दिया। उन्होंने ‘बाइबिल और संविधान’ का पालन करते हुए शासन करने का संकल्प जताया।

उन्होंने कहा, ‘‘हम समाजवाद, साम्यवाद, लोकलुभावनवाद और वामपंथी उग्रवाद के साथ आगे बढ़ना जारी नहीं रख सकते।’’हालांकि, लंबे समय से कांग्रेस के सदस्य रहे बोलसोनारो ने ‘‘संविधान, लोकतंत्र और स्वतंत्रता’’ की रक्षा करने का वादा किया। उन्होंने विपक्ष की उन आशंकाओं को दूर करने की कोशिश की वह अधिनायकवाद की ओर बढ़ेंगे। उन्होंने 1964-85 के बीच ब्राजील की बर्बर सैन्य तानाशाही व्यवस्था की खुली प्रशंसा की थी।

चुनाव के नतीजे आने के बाद हजारों समर्थक रियो डि जेनेरो में उनके आवास के बाहर सड़कों पर उतर आए। उनके हाथों में ब्राजील के ध्वज थे और उन्होंने जमकर आतिशबाजी की। पेशे से व्यापारी 38 वर्षीय आंद्रे लुइस लोबो ने कहा, ‘‘ये सभी लोग भ्रष्टाचार और अपराध से आक्रोशित और नाराज हैं और हम बोलसोनारो के साथ हैं। लोगों ने बोल दिया है। पहली बार मुझे लगता है कि मेरा प्रतिनिधित्व हुआ है।’’।

दूसरी तरफ हद्दाद समर्थकों में निराशा थी। साओ पाउलो के पूर्व मेयर हद्दाद ने कहा कि वह उन साढ़े चार करोड़ लोगों की स्वतंत्रता की रक्षा के लिये लड़ेंगे जिन्होंने उनके लिये मतदान किया। बोलसोनारो ने प्रचार के दौरान ब्राजील के वामपंथियों का ‘सफाया’ करने की बात कही थी। सहयोगियों ने बताया कि 55 वर्षीय हद्दाद ने बोलसोनारो को बधाई देने के लिये फोन नहीं किया है। साओ पाउलो में हद्दाद की वर्कर्स पार्टी के मुख्यालय पर निराश समर्थक ने बोलसोनारो को ‘फासिस्ट’ बताया। राजनैतिक विश्लेषकों और कार्यकर्ताओं ने मायूसी के साथ प्रतिक्रिया दी। सेंटर फॉर इकॉनोमिक एंड पॉलिसी रिसर्च के मार्क वीसब्रॉट ने कहा, ‘‘यह ब्राजील के लिये अंधकारमय दिन है। ब्राजील का लोकतंत्र अब पूरी तरह संकट में है।’’

ह्यूमन राइट्स वॉच ने ब्राजील के न्यायाधीशों, पत्रकारों और नागरिक समाज से सतर्क रहने को कहा है। संगठन के अमेरिकाज निदेशक जोस मिगुएल विवांको ने कहा, ‘‘लोकतांत्रिक अधिकारों और संस्थाओं को कमजोर करने के किसी भी प्रयास के खिलाफ खड़ा होने में हम उनके साथ होंगे।’’ब्राजील में चुनाव ऐसे समय में हुआ जब देश सबसे खराब आर्थिक मंदी के दौर से गुजर रहा है। वहां अरबों डॉलर के भ्रष्टाचार के मामले सामने आए हैं और हिंसक अपराध की काफी घटनाएं हुई हैं। हद्दाद लोकप्रिय लेकिन जेल में बंद पूर्व राष्ट्रपति लूला डि सिल्वा के प्रतिनिधि के रूप में चुनाव में खड़े थे। निवर्तमान मध्यमार्गी दक्षिणपंथी राष्ट्रपति माइकल टेमर ने बोलसोनारो को बधाई दी और कहा कि सोमवार को सत्ता हस्तांतरण की प्रक्रिया शुरू होगी। टेमर ब्राजील के आधुनिक लोकतंत्र में सर्वाधिक अलोकप्रिय नेता साबित हुए हैं।

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