Hellfire मिसाइल से अल-जवाहिरी को किया खाक, 12 महीने से काबुल में था मौजूद, CIA ने बनाई थी पूरी योजना !

Ayman al-Zawahiri
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आपको बता दें कि अल-जवाहिरी अमेरिकी कार्रवाई में साल 2011 में ओसामा बिन-लादेन के मारे जाने के बाद अल-कायदा का सरगना बना था। करीब दो दशक तक चलाए अभियान के बाद अमेरिकी सैनिकों के अफगानिस्तान छोड़ने के 11 महीने बाद एक महत्वपूर्ण आतंकवाद रोधी अभियान में अमेरिका ने यह सफलता हासिल की है।

अमेरिका ने अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में अलकायदा सरगना अयमान अल-जवाहिरी को एक ड्रोन स्ट्राइक में मार गिराया है। इसकी जानकारी खुद राष्ट्रपति जो बाइडेन ने दी। उन्होंने बताया कि अलकायदा सरगना अयमान अल-जवाहिरी काबुल में हवाई हमले में मारा गया है। चाहे कितना भी समय लगे, चाहे आप कहीं भी छिप जाएं, अगर आप हमारे लोगों के लिए खतरा हैं तो अमेरिका आपको ढूंढेगा और बाहर निकालेगा।

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आपको बता दें कि अल-जवाहिरी अमेरिकी कार्रवाई में साल 2011 में ओसामा बिन-लादेन के मारे जाने के बाद अल-कायदा का सरगना बना था। करीब दो दशक तक चलाए अभियान के बाद अमेरिकी सैनिकों के अफगानिस्तान छोड़ने के 11 महीने बाद एक महत्वपूर्ण आतंकवाद रोधी अभियान में अमेरिका ने यह सफलता हासिल की है।

CIA ने दिया ड्रोन स्ट्राइक को अंजाम

प्राप्त जानकारी के मुताबिक, अमेरिका की खुफिया एजेंसी सीआईए की एक टीम ने इस ड्रोन स्ट्राइक को अंजाम दिया। अल-जवाहिरी पिछले साल अगस्त में अफगानिस्तान में तालिबान की सरकार बनने के बाद से काबुल में रह रहा था। ऐसे में अल-जवाहिरी की मौत से तालिबान भड़का हुआ है और अमेरिका की इस कार्रवाई को दोहा समझौता का उल्लंघन करार दिया।

बाइडेन ने अमेरिकी खुफिया एजेंसी की सराहना करते हुए कहा कि उनकी असाधारण दृढ़ता और कौशल के लिए धन्यवाद, जिसकी वजह से यह अभियान सफल हुआ।

वैश्विक आतंकवादी था अल-जवाहिरी

ओसामा के मारे जाने के बाद अल-जवाहिरी की पहचान वैश्वक आतंकवादी के तौर पर बन गई थी और उस पर 25 मिलियन अमेरिकी डॉलर का इनाम था। दरअसल, अल-जवाहिरी डॉक्टर बनना चाहता था और उसने मिश्र की सेना में सर्जन के तौर पर तीन साल तक काम भी किया है। लेकिन साल 1986 में ओसामा से मिलने के बाद अल-जवाहिरी का इरादा बदल गया और वो ओसामा के लिए काम करने लगा। इसके बाद अल-जवाहिरी मिश्र में 90 के दशक के मध्य में इस्लामिक राज्य की स्थापना का अभियान चलाने वालों का प्रमुख बन गया। इस दौरान कई कत्लेआम हुए और 1200 से अधिक लोगों की हत्या में अल-जवाहिरी शामिल था। ऐसे ही अत्याचार, हत्याएं और आतंकवादियों गतिविधियों में शामिल होने के चलते देखते ही देखते अल-जवाहिरी सर्जन से वैश्विक आतंकवादी बन गया।

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अल-जवाहिरी ने अल-कायद को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। पहले उसने ओसामा की छत्रछाया में काम किया और बाद में उसके उत्तराधिकारी के तौर पर। खुफिया विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, अल-ज़वाहिरी जिस घर में मारा गया वह तालिबान के शीर्ष सरगना सिराजुद्दीन हक्कानी के एक शीर्ष सहयोगी का है।

इस मिसाइल से मरा अल-जवाहिरी

सीआईए ने अल-जवाहिरी को मारने के लिए Hellfire मिसाइल का इस्तेमाल किया। जिसका पूरा नाम R9X Hellfire मिसाइल है। इस मिसाइल से बच पाना नामुमकिन है। क्योंकि इसमें बारूद कम और ब्लेड्स गुना धारदार धातुओं का ज्यादा इस्तेमाल होता है। इस मिसाइल में सेंसर और कैमरे लगे होते हैं, जिसके जरिए लक्ष्य को भेदने तक की पूरी जानकारी मिलती है। पिछले कुछ सालों में अमेरिका ने इस मिसाइल का इस्तेमाल बढ़ाया है।

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