लड़ाई को छोड़, मिलकर रहें भारतीय हाथी और चीनी ड्रैगन: वांग यि

Leaving the battle, stay together Indian elephant and Chinese dragon
[email protected] । Mar 8 2018 12:30PM

चीन के विदेश मंत्री वांग यि का कहना है कि चीनी ड्रैगन और भारतीय हाथी को आपस में लड़ना नहीं चाहिए बल्कि उन्हें साथ- साथ मिलजुल कर रहना चाहिए। उनका इशारा भारत और चीन के बीच संबंधों की ओर था।

 बीजिंग। चीन के विदेश मंत्री वांग यि का कहना है कि चीनी ड्रैगन और भारतीय हाथी को आपस में लड़ना नहीं चाहिए बल्कि उन्हें साथ- साथ मिलजुल कर रहना चाहिए। उनका इशारा भारत और चीन के बीच संबंधों की ओर था। संसद सत्र से इतर वांग ने अपने वार्षिक संवाददाता सम्मेलन में दोनों देशों से अपने मानसिक अवरोध को त्यागने, मतभेदों को सुलझाने और द्विपक्षीय संबंधों को बेहतर बनाने के लिए दूरियां पाटने की बात कही।

यह पूछने पर कि डोकलाम गतिरोध सहित विभिन्न मुद्दों को लेकर वर्ष2017 में तनावपूर्ण संबंधों के बाद चीन भारत के साथ अपने रिश्ते को किस रूप में देखता है, इस पर वांग ने कहा, ‘कुछ परीक्षाओं और मुश्किलों के बावजूद, चीन- भारत संबंध बेहतर हो रहे हैं।’ चीन- पाकिस्तान आर्थिक कोरिडोर, जैश- ए- मोहम्मद प्रमुख मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र में अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित करने संबंधी भारत के प्रयास को चीन द्वारा अवरूद्ध किया जाना और परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह( एनएसजी) में भारत का प्रवेश रोकना सहित कई मुद्दों ने पिछले वर्ष चीन- भारत संबंधों को प्रभावित किया।

 

भारत और चीन की सेना के बीच डोकलाम में73 दिनों तक गतिरोध जारी रहा। चीन की सेना द्वारा सामरिक रूप से महत्वपूर्ण चिकन नेक कोरिडोर में सड़क निर्माण कार्य रोके जाने के बाद28 अगस्त को यह गतिरोध समाप्त हुआ। गौरतलब है कि इस हिस्से पर भूटान अपने दावा करता है। हालांकि, वांग ने कहा कि दोनों देशों को अपना मानसिक अवरोध त्याग कर, मतभेदों को दूर करना चाहिए ।

 

विदेश मंत्री ने कहा, ‘चीन अपने अधिकार और वैध हितों को बरकरार रखते हुए भारत के साथ संबंधों के संरक्षण पर ध्यान दे रहा है।’ उन्होंने कहा, ‘चीन और भारत के नेताओं ने हमारे संबंधों के भविष्य के लिए रणनीतिक दूरदृष्टि तैयार की है। चीनी ड्रैगन और भारतीय हाथी को आपस में लड़ना नहीं चाहिए, बल्कि साथमें कदमताल मिलाना चाहिए।’ वांग ने कहा, ‘यदि चीन और भारत एक जुट हो जायें तो वह मिलकर एक और एक दो की जगह, एक और एक ग्यारह हो सकते हैं।’

 

नये साल में द्विपक्षीय संबंधों पर पहली बार बातचीत करते हुए विदेश मंत्री ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय हालात में सदी के बड़े बदलाव हो रहे हैं और चीन तथा भारत को इसे प्रोत्साहित करने और एक दूसरे का समर्थन करने तथा, परस्पर संदेह को कम करने के लिए मिलकर काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि चीन- भारत संबंध में परस्पर विश्वास सबसे मूल्यवान है। विदेश मंत्री ने कहा, ‘राजनीतिक विश्वास होने की स्थिति मेंकोई भी, यहां तक कि हिमालय भी हमें मित्रवत संबंधों से रोक नहीं सकता।’

 

यह पूछने पर कि क्या भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया की हिन्द- प्रशांत रणनीति से चीन के बेल्ट एंड रोड इंनिशिएटिव( बीआरआई) पर फर्क पड़ेगा, उन्होंने बेहद कड़े शब्दों में जवाब दिया। उन्होंने कहा कि, ‘सुर्खियां बनाने वाले विचारों’’ की कोई कमी नहीं है, लेकिन‘‘ वह समुद्री झाग’’ की तरह है‘‘ जो ध्यान तो जल्दी आकर्षित करता है लेकिन, जल्दी ही खत्म हो जाता है।’

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