मालदीव के जजों ने चुनाव को चुनौती देने वाली राष्ट्रपति की अर्जी पर सुनवायी की

maldives-judges-to-hear-ex-president-abdulla-yameen-s-challenge-to-annul-election-results-and-call-for-fresh-polls
[email protected] । Oct 15 2018 1:15PM

मालदीव के न्यायाधीशों ने राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन की उस अर्जी पर सुनवायी की जिसमें उन्होंने हाल में हुए उस चुनाव को रद्द करने की मांग की है जिसमें वह हार गए थे।

कोलंबो। मालदीव के न्यायाधीशों ने राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन की उस अर्जी पर सुनवायी की जिसमें उन्होंने हाल में हुए उस चुनाव को रद्द करने की मांग की है जिसमें वह हार गए थे। यामीन गत 23 सितम्बर को चुनाव में विपक्षी उम्मीदवार इब्राहिम मोहम्मद सोलेह से बुरी तरह से पराजित हुए थे। हालांकि यामीन के मुख्य प्रतिद्वंद्वी जेल में या निर्वासन में हैं और मीडिया उनकी जेब में है। अमेरिका, यूरोप और भारत की ओर से बढ़ते दबाव में यामीन ने तत्काल हार स्वीकार कर ली और कहा कि वह 17 नवम्बर को पद छोड़ देंगे।

भारत 1200 द्वीपों वाले इस देश में चीन के बढ़ते प्रभाव को निष्प्रभावी करना चाह रहा है। यद्यपि पश्चिमी देशों ने राहत की सांस ली, कैदी रिहा कर दिये गए और विपक्षी नेता निर्वासन से लौटने लगे, लेकिन यामीन ने गत सप्ताह उच्चतम न्यायालय में एक अर्जी दायर करके चुनाव परिणामों को रद्द करने और ताजा चुनाव कराने का अनुरोध किया। शनिवार को यामीन की पार्टी प्रोग्रेसिव पार्टी आफ मालदीव (पीपीएम) ने कहा कि मतदान ‘‘अब तक का सबसे हास्यास्पद चुनाव था’’ जिसमें बड़े पैमाने पर धांधली हुई और कई लोग तो अपने वोट ही नहीं डाल पाये।

अमेरिका ने शनिवार को चेतावनी दी कि 59 वर्षीय यामीन ने यदि चुपचाप पद नहीं छोड़ा तो वह जवाब देगा। यूरोपीय संघ ने भी मालदीव पर प्रतिबंध लगाने की चेतावनी दी थी। रविवार को बड़ी संख्या में लोग सुनवायी शुरू होने से पहले उच्चतम न्यायालय में प्रवेश के लिए एकत्रित थे। सुनवायी के साथ ही अदालत ने सभी विपक्षी दलों से अपनी बात कहने की इजाजत दी। विपक्षी माल्दिवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (एमडीपी) के कोलंबो स्थित प्रवक्ता हामिद अब्दुल गफूर ने कहा कि यामीन की विधिक चुनौती उथल पुथल उत्पन्न करने का एक प्रयास है।

देश के संयुक्त विपक्ष ने यामीन से ‘‘बिल्कुल निराधार मामले’’ को वापस लेने और पद से हटने की मांग की थी ताकि एक शांतिपूर्ण सत्ता परिवर्तन हो सके। संयुक्त विपक्ष में एमडीपी भी शामिल थी। विपक्ष ने इसके साथ ही प्राधिकारियों जैसे अदालत और सुरक्षा बलों से जनता की इच्छा बरकरार रखने का आग्रह किया है।

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़