मोदी ने प्रथम परमाणु हमला स्थल हिरोशिमा में Mahatma Gandhi की आवक्ष प्रतिमा का अनावरण किया

Mahatma Gandhi
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गांधी की आवक्ष प्रतिमा लगाने के लिए हिरोशिमा का चयन शांति और अहिंसा के प्रति एकजुटता दर्शाने के मकसद से किया गया। अमेरिका ने छह अगस्त 1945 को हिरोशिमा पर दुनिया का पहला परमाणु हमला किया था, जिससे यह शहर तबाह हो गया था और करीब 1,40,000 लोगों की मौत हो गई थी।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को जापान के हिरोशिमा शहर में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की आवक्ष प्रतिमा का अनावरण करते हुए कहा कि शांति और सद्भाव को लेकर उनके आदर्श दुनियाभर में प्रतिध्वनित होते हैं और लाखों लोगों को ताकत देते हैं। गांधी की आवक्ष प्रतिमा लगाने के लिए हिरोशिमा का चयन शांति और अहिंसा के प्रति एकजुटता दर्शाने के मकसद से किया गया। अमेरिका ने छह अगस्त 1945 को हिरोशिमा पर दुनिया का पहला परमाणु हमला किया था, जिससे यह शहर तबाह हो गया था और करीब 1,40,000 लोगों की मौत हो गई थी। 

मोदी ने आवक्ष प्रतिमा का अनावरण करने के बाद पत्रकारों से बात की और कहा कि आज भी जब दुनिया हिरोशिमा शब्द सुनती है, तो डर जाती है। भारत ने जी7 शिखर सम्मेलन के लिए प्रधानमंत्री मोदी की जापान यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच मित्रता और सद्भावना के प्रतीक के तौर पर हिरोशिमा को यह आवक्ष प्रतिमा भेंट की। प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, ‘‘हिरोशिमा में महात्मा गांधी की आवक्ष प्रतिमा का अनावरण किया। हिरोशिमा में यह प्रतिमा बहुत महत्वपूर्ण संदेश देती है। शांति और सौहार्द्र के गांधीवादी आदर्श दुनियाभर में प्रतिध्वनित होते हैं और लाखों लोगों को ताकत देते हैं।’’

प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के बयान के अनुसार, प्रधानमंत्री की जापान यात्रा के दौरान महात्मा गांधी की प्रतिमा भारत और जापान के बीच दोस्ती एवं सद्भावना के प्रतीक के रूप में हिरोशिमा शहर को भेंट की गई है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि यह आवक्ष प्रतिमा ऐसे शहर को उचित श्रद्धांजलि है, जो शांति के लिए मानवता की चाह का प्रतीक है। पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित राम वनजी सुतार ने 42 इंच लंबी महात्मा गांधी की कांस्य प्रतिमा को तैयार किया है। मोतोयासु नदी से सटे जिस स्थल पर यह प्रतिमा स्थापित की गई है, वह प्रतिष्ठित ए-बम डोम के करीब है, जिसे देखने के लिए रोजाना हजारों की संख्या में स्थानीय ए‍वं विदेशी पर्यटक हिरोशिमा पहुंचते हैं। किशिदा के निमंत्रण पर मोदी जी7 शिखर सम्मेलन के तीन सत्रों में हिस्सा लेने के लिए शुक्रवार को हिरोशिमा पहुंचे थे।

प्रधानमंत्री ने याद किया कि भारतीय संसद हर साल हिरोशिमा दिवस मनाती है और कहा कि इस अवसर पर जापानी राजनयिक हमेशा मौजूद रहे हैं। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “महात्मा गांधी ने शांति और अहिंसा के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। यह स्थान गांधी जी के जीवन और सिद्धांतों को सच्चे मायने में दर्शाता है, जो अब भी दुनिया तथा उसके नेताओं को प्रेरित कर रहे हैं।” आवक्ष प्रतिमा का अनावरण करने के बाद मोदी ने महात्मा गांधी को पुष्पांजलि अर्पित की। उन्होंने गांधी की आवक्ष प्रतिमा का अनावरण करने का अवसर देने के लिए शहर के मेयर और जापान सरकार का आभार व्यक्त किया और कहा कि यह अहिंसा के विचार को आगे लेकर जाएगा।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘यह जानना मेरे लिए बहुत बड़ी बात है कि जापानी प्रधानमंत्री को मेरे द्वारा भेंट किया गया बोधि का पौधा हिरोशिमा में लगाया गया है, ताकि लोग यहां आने पर शांति की अहमियत समझ सकें। मैं महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।’’ मोदी ने शनिवार को किशिदा से द्विपक्षीय वार्ता की। इस दौरान, दोनों नेताओं ने जापान और भारत की जी7 और जी20 की अध्यक्षता के तहत विभिन्न वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए किए गए प्रयासों को समन्वित करने के तरीकों पर ध्यान केंद्रित किया। इस साल मार्च में प्रधानमंत्री किशिदा की भारत यात्रा के बाद, 2023 में यह दोनों नेताओं की दूसरी मुलाकात थी। प्रधानमंत्री मोदी ने मार्च 2023 में उनके द्वारा उपहार स्वरूप दिए गए बोधि पौधे को हिरोशिमा में लगाने के लिए प्रधानमंत्री किशिदा का आभार जताया।

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