कैंप डेविड में ट्रंप से मिलना और रात्रिभोज करना चाहते थे मोदी

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[email protected] । Sep 12 2018 2:03PM

अमेरिका के जाने-माने लेखक बॉब वूडवार्ड ने अपनी नयी किताब में दावा किया है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ कैंप डेविड में रात्रिभोज करना और सही तालमेल बनाना चाहते थे लेकिन ऐसा नहीं हो पाया था।

वाशिंगटन। अमेरिका के जाने-माने लेखक बॉब वूडवार्ड ने अपनी नयी किताब में दावा किया है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ कैंप डेविड में रात्रिभोज करना और सही तालमेल बनाना चाहते थे लेकिन ऐसा नहीं हो पाया था। कैंप डेविड अमेरिकी राष्ट्रपति का एक खूबसूरत रिसोर्ट है। व्हाइट हाउस ने किताब को कल्पना मात्र बताया है। इसमें भारत और मोदी के व्हाइट हाउस के दौरे के बारे में एक छोटा सा खंड है। मोदी 26 जून, 2017 को व्हाइट हाउस गए थे।

राष्ट्रपति ट्रंप ने ‘फियर: ट्रंप इन दि व्हाइट हाउस’ को ‘‘मजाक’’ बताकर खारिज कर दिया। किताब में तत्कालीन राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार एच आर मैकमास्टर को भारत के साथ मजबूत संबंधों की वकालत करते दिखाया गया है। किताब में व्हाइट हाउस के कामकाज और ट्रंप प्रशासन के नीति निर्धारण की प्रक्रिया को लेकर अंदुरूनी सूत्रों के हवाले से जानकारी देने का दावा किया गया है। मोदी के 26 जून के दौरे से पहले मैकमास्टर व्हाइट हाउस के तत्कालीन चीफ ऑफ स्टाफ रींस प्रिबस से मिले थे।

वूडवार्ड ने किताब में लिखा है, ‘‘भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जिनका (बराक) ओबामा ने काफी गर्मजोशी से स्वागत किया था, ट्रंप से मिलने के लिए जून में अमेरिका आ रहे थे। भारत पाकिस्तान को देखते हुए संतुलन बनाए रखने वाली ताकत था। पाकिस्तान नये प्रशासन के लिए दिक्कतें पैदा कर रहा था जैसा वह पूर्व के प्रशासनों के साथ भी आतंकवाद के मुद्दे पर करता आया था। मोदी कैंप डेविड जाना चाहते थे और वहां ट्रंप के साथ रात्रिभोज का आनंद उठाना एवं आपसी तालमेल का निर्माण करना चाहते थे।’’

किताब के अनुसार प्रीबस ने तब मैकमास्टर से कहा, ‘‘यह कार्यक्रम का हिस्सा नहीं है। वहां रात्रिभोज कार्यक्रम नहीं हो सकता। राष्ट्रपति (ट्रंप) ऐसा ही चाहते हैं।’’इससे मैकमास्टर नाराज हो गए थे। वूडवार्ड ने लिखा है कि बाद में जो कार्यक्रम हुए वह उतने भव्य नहीं थे, रात्रिभोज व्हाइट हाउस में हुआ। प्रधानमंत्री कार्यालय (भारत) ने तत्काल इस पर कोई टिप्पणी नहीं की है।

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