अन्य बाजारों में संभावनाएं तलाश कर आपूर्ति व्यवस्था की चुनौतियों से निपटा जा सकता है: बिड़ला

Kumar Manglam Birla
प्रतिरूप फोटो
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उन्होंने कहा, ‘‘भारत में जीवन अब सामान्य हो गया है। मेरा स्पष्ट मानना है कि हमें वैश्वीकरण से अलग हटकर कुछ नहीं सोचना चाहिए। हालांकि, इसके लिए कुछ विकल्प की जरूरत हैं।’’

दावोस|  कोविड-19 महामारी और यूक्रेन युद्ध की वजहसे वैश्विक स्तर पर आपूर्ति व्यवस्था दबाव में है। ऐसे में देश के शीर्ष उद्योगपति कुमार मंगलम बिड़ला ने बुधवार को कहा कि इनमें से कुछ चिंताओं को अन्य स्रोत देशों में संभावनाएं तलाश कर दूर किया जा सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि वैóश्वीकरण बना रहेगा।

बिड़ला विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) में ‘संकट के दौर में वैश्वीकरण में संतुलन और जुझारूपन’ पर एक सत्र को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा, ‘‘भारत में जीवन अब सामान्य हो गया है। मेरा स्पष्ट मानना है कि हमें वैश्वीकरण से अलग हटकर कुछ नहीं सोचना चाहिए। हालांकि, इसके लिए कुछ विकल्प की जरूरत हैं।’’ आपूर्ति श्रृंखला की चुनौतियों पर उन्होंने कहा कि हम अन्य विकल्पों को देख सकते हैं। हम अपने कुछ कारोबार में ऐसा कर रहे हैं। हम अन्य देशों में विकल्प तलाश रहे हैं।’’

आदित्य बिड़ला समूह के चेयरमैन ने कहा कि पूरी तरह स्थानीयकरण संभव नहीं है, विशेष रूप से इसकी उपभोक्ताओं पर लागत को देखते हुए ऐसा करना मुमकिन नहीं है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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