ट्रंप के ऑफर को नेतन्याहू ने ठुकराया, हमास मिसाइलें लेकर जंग में उतरा

इजरायल की ओर से बयान भी सामने आया है। इजरायल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि नया सीजफायर और बंधक समझौता किसी भी इजराइली सरकार के लिए अस्वीकार्य है। हमास की ओर से सीजफायर के लिए ऐसी शर्तें लगाई गई हैं, जो इजरायल के युद्ध लक्ष्यों और बंधकों को छुड़ाने की क्षमता को कमजोर करेंगी।
इजरायल ने गाजा पर जिस तरह से बमबारी की है। जिस तरह से वहां तबाही मचाई गई है। इससे गाजा में सबकुछ खत्म हो गया है। घरों के घर जमींदोज हो चुके हैं। लोग भूख से चिल्ला रहे हैं और उनकी जान जा रही है। जिसकी वजह से इजरायल पर युद्ध विराम का दबाव बनाया जा रहा है। इसी बीच एक खबर भी आई कि दोनों देशों के बीच युद्धविराम होने की संभावना है। लेकिन अब खबर ये है कि इजरायल ने गाजा में अमेरिका की तरफ से पेश किए गए प्रस्ताव को मानने से इनकार कर दिया है। इसे लेकर इजरायल की ओर से बयान भी सामने आया है। इजरायल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि नया सीजफायर और बंधक समझौता किसी भी इजराइली सरकार के लिए अस्वीकार्य है। हमास की ओर से सीजफायर के लिए ऐसी शर्तें लगाई गई हैं, जो इजरायल के युद्ध लक्ष्यों और बंधकों को छुड़ाने की क्षमता को कमजोर करेंगी।
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हमास के एक करीबी फिलिस्तीनी अधिकारी ने सोमवार को रॉयटर्स को बताया कि हमास ने गाजा में युद्ध विराम के लिए अमेरिकी विशेष दूत स्टीव विटकॉफ के प्रस्ताव पर सहमति जताई है। नया प्रस्ताव, जिसमें दस बंधकों की रिहाई और 70 दिनों के युद्ध विराम की बात कही गई है, हमास को मध्यस्थों के माध्यम से प्राप्त हुआ है। रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, अधिकारी ने कहा कि यह प्रस्ताव मध्यस्थों के माध्यम से हमास को भेजा गया था और इसमें 70 दिन के युद्ध विराम और गाजा पट्टी से इजरायली सेना की आंशिक वापसी के बदले में दो समूहों में दस इजरायली बंधकों की रिहाई शामिल है।
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लेकिन इजरायल के इनकार के बाद गाजा में युद्ध रुकने की उम्मीदें कमजोर होती जा रही हैं। आपको बता दें कि गाजा में अक्टूबर 2023 से युद्ध चल रहा है। युद्ध से 53 हजार से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं और भारी तबाही हुई है। इजरायली अधिकारी ने कहा कि ये समझौता हमास के सामने सरेंडर करने जैसा है। समझौते में पहले दिन केवल पांच जिंदा बंधकों को रिहा करने और 60 दिनों के बाद पांच और बंधकों को रिहा करने जैसी शर्ते हैं। इसके अलावा अमेरिका की निगरानी में इजरायल को अपनी सेना को दो महीने पहले की स्थिति में वापस बुलाने और गाजा में व्यापक मानवीय सहायता पहुंचाने की शर्त है।
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