समाजवादी वैक्सीन की तरह 'किम वैक्सीन' के इंतजार में है उत्तर कोरिया? एस्ट्रेजेनिका, सिनोवैक वैक्सीन लौटाई

Kim vaccine
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अभिनय आकाश । Apr 27 2022 12:59PM

देश को संयुक्त राष्ट्र अभियान के तहत उत्तर कोरिया को 2 मिलियन डोज उपलब्ध कराने की कोशिश भी की गई, जिसमें एस्ट्रेजेनिका वैक्सीन शामिल थी। इसके साथ ही उत्तर कोरिया ने ये कहते हुए सिनोवैक वैक्सीन की डोज को लौटा दिया कि उनके देश में कोरोना नहीं है और वैक्सीन को किसी और प्रभावित देश को दे दी जाए।

कोरोना से मुक्ति दिलाने के लिए पूरे देश में देश में टीकाकरण की योजना बनाई जा रही थी तो उस वक्त सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने इस वैक्सीन को बीजेपी की कोरोना वैक्सीन बताते हुए कहा था कि मैं बीजेपी की कोरोना वैक्सीन को नहीं लगवाऊंगा। जब समाजवादी सरकार आएगी तो टीका मुहैया कराया जाएगा। ये और बात है कि न ही यूपी में समाजवादी सरकार आई और अखिलेश ने भी कोरोना की वैक्सीन लगवा ली। कोरोना महामारी को दो साल हो चुके हैं और भारत समेत दुनियाभर के देशों में वैक्सीनेशन अभियान जोरो-शोरों से चल रहा है। इस बीच कुछ देश ऐसे भी हैं जहां अभी तक कोरोना वैक्सीन लगनी शुरू नहीं हुई। इनमें से एक उत्तर कोरिया है और दूसरा इरीट्रिया है। 

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देश को संयुक्त राष्ट्र अभियान के तहत उत्तर कोरिया को 2 मिलियन डोज उपलब्ध कराने की कोशिश भी की गई, जिसमें एस्ट्रेजेनिका वैक्सीन शामिल थी। इसके साथ ही उत्तर कोरिया ने ये कहते हुए सिनोवैक वैक्सीन की डोज को लौटा दिया कि उनके देश में कोरोना नहीं है और वैक्सीन को किसी और प्रभावित देश को दे दी जाए। कोवैक्स की तरफ से करीब 250 हजार डोज उपलब्ध कराए जाने का भी कोई रिस्पांस नहीं मिलने के बाद शिपमेंट कैंसिल कर दिया गया। कई उत्तर कोरिया के वैक्सीन नहीं लिए जाने के कई कारण बता रहे हैं। कहा जाता है कि किम जोंग उन अमेरिका निर्मित फाइजर जैसी वैक्सीन की चाह में हैं। इसके अलावा अन्य कारण इनकी संख्या को लेकर है। उत्तर कोरिया ज्यादा वैक्सीन की मांग है जबकि उसे कम ही ऑफर किया गया है। इसलिए उसने सभी शिपमेंट को लौटा दिया। 

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लेकिन इसके साथ ही कई जानकार इसके पीछे की वजह राजनीतिक भी बता रहे हैं। उत्तर कोरिया का रूख अमेरिका के प्रति हमेशा से कड़ा रहा है। ऐसे में अगर वो अमेरिका निर्मित वैक्सीन को अपने देश में इस्तेमाल में लाता है तो उसके अमेरिका विरोधी छवि को भी गहरा धक्का लगेगा। वैक्सीन पाने के लिए इसके वैक्सीनेशन प्लान को भी साझा करना होगा। उत्तर कोरिया हमेशा से गुपचुप तरीके से चीजी करने के लिए मशहूर है और इसमें उसे किसी की भी दखलअंदाजी पसंद नहीं। 

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