पुलवामा हमले के विरोध में भारतीय-अमेरिकी, चीन और पाकिस्तान के खिलाफ दर्शन करेंगे

वाशिंगटन। भारतीय-अमेरिकी समुदाय के लोग पुलवामा आतंकी हमले को लेकर अमेरिका में पाकिस्तान और चीन के राजनयिक मिशनों के बाहर शांतिपूर्ण प्रदर्शन करेंगे। उनका आरोप है कि चीन पाकिस्तान को मौन समर्थन देता है और पाकिस्तान अपने राज्येतर तत्वों का इस्तेमाल पड़ोसी देशों के खिलाफ करता है। आयोजकों ने बताया कि बृहस्पतिवार को शिकागो में पाकिस्तान के वाणिज्यिक दूतावास के बाहर कैंडल मार्च निकाला जाएगा, उसके बाद प्रदर्शनकारी चीन के वाणिज्य दूतावास के बाहर मार्च करेंगे।
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एक मीडिया विज्ञप्ति में कहा गया है कि इस प्रदर्शन का मुख्य उद्देश्य पाकिस्तान से फैल रहे आतंकवाद की बर्बरता को उजागर करना और दुनिया को पाकिस्तान और चीन समर्थित आतंकवाद के प्रति जागरुक करना है। अगले दिन न्यूयॉर्क और न्यूजर्सी के भारतीय अमेरिकी समुदाय के लोग न्यूयार्क के मैनहटन में पाकिस्तान के वाणिज्यिक दूतावास के बाहर भी शांतिपूर्ण प्रदर्शन करेंगे।
प्रख्यात भारतीय अमेरिकी डॉ भरत बरई ने एक बयान में कहा, "समय आ गया है कि अमेरिका और बाकी दुनिया पाकिस्तान में आतंकवादियों की भर्ती, प्रशिक्षण, हथियार, वित्त और सुरक्षित आश्रय प्रदान करने के खिलाफ एकजुट हों।"उन्होंने कहा कि अमेरिकी की ओर से पाकिस्तान को दी जाने वाली अरबों डॉलर की मदद से पाकिस्तान में आतंकवाद को खत्म करने में बहुत कम कामयाबी मिली है।
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Indian-Americans Across US Mourn Soldiers Killed In Pulwama Terror Attack https://t.co/dTjAAeFsTW
— Newsie Gear (@NewsieGear) February 19, 2019
गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी को आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 से ज्यादा जवान शहीद हो गए थे। जैश के आत्मघाती हमलवार ने विस्फोटक से लदे वाहन से बस को टक्कर मारकर इस हमले को अंजाम दिया था। इलिनोइस में स्थानीय रिपबल्किन नेता जे डी दिगंवेकर ने कहा "भारतीय समुदाय इस बर्बर कृत्य से बेहद दुखी है। हम अपने शहीद सैनिकों के लिए दुखी हैं और हम चाहते हैं कि पाकिस्तान आतंकवादियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे।"
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