पाकिस्तान की संसद ने कश्मीर में जारी परिसीमन प्रक्रिया के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया

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प्रस्ताव में परिसीमन आयोग की रिपोर्ट को ‘‘विशेष तौर पर खारिज’’ करते हुए आरोप लगाया गया कि परिसीमन प्रक्रिया के जरिये भारत की कोशिश ‘‘पांच अगस्त 2019 की अवैध कार्रवाई और उसके बाद उठाए गए कदमों’’ को कथित तौर पर आगे बढ़ाना है।

 इस्लामाबाद| पाकिस्तान की संसद ने बृहस्पतिवार को सर्वसम्मति से कश्मीर में परिसीमन प्रक्रिया के जरिये भारत द्वारा कथित तौर जनसंख्यिकी बदलाव करने की कोशिश के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया।

पाकिस्तान सरकार द्वारा संचालित रेडियो पाकिस्तान के मुताबिक विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने प्रस्ताव पेश करते हुए आरोप लगाया कि कथित भारतीय कदम का लक्ष्य कृत्रिम तरीके से मुस्लिम बहुल जम्मू्-कश्मीर की चुनावी ताकत में बदलाव करना है।

प्रस्ताव में परिसीमन आयोग की रिपोर्ट को ‘‘विशेष तौर पर खारिज’’ करते हुए आरोप लगाया गया कि परिसीमन प्रक्रिया के जरिये भारत की कोशिश ‘‘पांच अगस्त 2019 की अवैध कार्रवाई और उसके बाद उठाए गए कदमों’’ को कथित तौर पर आगे बढ़ाना है। गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर में परिसीमन के लिए मार्च 2020 में आयोग का गठन किया गया था जिसने पिछले सप्ताह अपनी अंतिम रिपोर्ट दी थी।

रिपोर्ट में जम्मू संभाग में छह और कश्मीर घाटी में एक विधानसभा सीट बढ़ाने का प्रस्ताव है। वहीं, राजौरी और पुंछ इलाकों को कश्मीर के अनंतनाग लोकसभा सीट के तहत लाने का प्रस्ताव हैं। रिपोर्ट के अमल में आने पर 90 सदस्यीय विधानसभा में जम्मू संभाग की 43 और कश्मीर की 47 सीटें होंगी।

पाकिस्तान की संसद में पेश प्रस्ताव में कहा गया कि कश्मीर मुद्दा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त विवाद है और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के एजेंडे का लंबित मामला है। प्रस्ताव में भारत से मांग की गई कि वह अंतरराष्ट्रीय कानूनों का सम्मान करे और उनका अनुपालन करे।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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