दक्षिण चीन सागर विवाद को लेकर चीन के राजनयिकों से उलझे Philippine के राजनयिक

South China Sea dispute
प्रतिरूप फोटो
Google Creative Commons

चीन और अमेरिका के बीच बढ़ती प्रतिद्वंद्वता के चलते इस विवाद को हवा मिली है। अमेरिका इस क्षेत्र पर कोई दावा नहीं करता है। हालांकि वह क्षेत्र में युद्धपोत और लड़ाकू विमान तैनात करने को लेकर चीन को चेतावनी देता रहा है।

फिलीपीन ने दक्षिण चीन सागर में चीन के आक्रामक रवैये को लेकर शुक्रवार को विरोध दर्ज कराया। एक अधिकारी ने बताया कि फिलीपीन के राजनयिकों ने चीनी अधिकारियों से मुलाकात के दौरान विरोध जताया। दक्षिण चीन सागर को लेकर एशिया में लंबे समय से विवाद रहा है। चीन और अमेरिका के बीच बढ़ती प्रतिद्वंद्वता के चलते इस विवाद को हवा मिली है। अमेरिका इस क्षेत्र पर कोई दावा नहीं करता है। हालांकि वह क्षेत्र में युद्धपोत और लड़ाकू विमान तैनात करने को लेकर चीन को चेतावनी देता रहा है।

अमेरिका समय-समय पर कहता रहा है कि यदि उसके सहयोगी फिलीपीन के बलों, जहाजों और विमानों पर हमला किया गया तो वह उसकी रक्षा करेगा। दक्षिण चीन सागर पर वियतनाम, मलेशिया, ब्रुनेई और ताइवान भी अपना दावा जताते रहे हैं। चीन के उपविदेश मंत्री सुन वेदोंग के नेतृत्व में चीनी प्रतिनिधिमंडल ने बृहस्पतिवार को फिलीपीन के प्रतिनिधिमंडल के साथ दो-दिवसीय वार्ता शुरू की, जिसका नेतृत्व फिलीपीन की अवर सचिव थेरेसा लजारो कर रही हैं। इस वार्ता का मकसद दोनों देशों के संबंधों की समीक्षा करना है।

फिलीपीन के विदेश मंत्रालय ने कहा कि शुक्रवार को दोनों पक्षों ने क्षेत्रीय विवादों पर बात की। वार्ता में शामिल फिलीपीन के एक अधिकारी ने ‘द एसोसिएटेड प्रेस’ को बताया कि फिलीपीनी के राजनयिकों ने बंद दरवाजे में हुई वार्ता के दौरान विवादित जल क्षेत्र में चीन की आक्रामकता को रेखांकित करते हुए कई घटनाओं का जिक्र किया। अधिकारी ने कहा कि चीन के प्रतिनिधियों ने ज्यादातर समय दक्षिण चीन सागर में बीजिंग की संप्रभुता के दावे को दोहराया।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़