दुनिया भर में सरकारें नए-नए कानून बनाकर प्रेस स्वतंत्रता पर कस रही है शिकंजा: IPI

press-freedom-under-serious-threat-from-governments-worldwide-ipi

आईपीआई ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि बांग्लादेश में पत्रकारों को देश के नए डिजिटल सुरक्षा अधिनियम का उल्लंघन करने के लिए उम्रकैद तक की सजा का प्रावधान किया गया है।

वियना। विश्वभर में सरकारें नए-नए कानून लाकर प्रेस पर शिकंजा कस रही हैं। वियना स्थित इंटरनेशनल प्रेस इंस्टीट्यूट (आईपीआई) ने अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा कि पिछले साल मई से करीब 55 पत्रकार मारे गए हैं। आईपीआई ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि बांग्लादेश में पत्रकारों को देश के नए डिजिटल सुरक्षा अधिनियम का उल्लंघन करने के लिए उम्रकैद तक की सजा का प्रावधान किया गया है।

इसे भी पढ़ें: अजहर पर प्रतिबंध के बाद आतंकवाद से लड़ने के लिए प्रतिबद्ध हुआ विश्व: व्हाइट हाउस

उसने कहा कि आईपीआई के कार्यकारी बोर्ड के सदस्य कादरी गुरसेल सहित 139 पत्रकार जेल में बंद हैं। पत्रकारों को जेल की हवा खिलाने में तुर्की सबसे आगे है। बयान में कहा गया कि पाकिस्तान में आलोचना करने वाली मीडिया की साख खराब करने के लिये अभियान चलाए जा रहे हैं। जहां ‘डॉन’ जैसे प्रभावशाली दैनिक समाचार पत्रों को सरकार की ओर से विज्ञापन दिया जाना बंद कर दिया गया है और सिरिल अल्मीडा जैसे पत्रकारों को निशाना बनाया जा रहा है, जिनपर आतंकवाद के कवरेज के लिए देशद्रोह का मामला चलाया गया।

इसे भी पढ़ें: बालाकोट एयर स्ट्राइक में नहीं हुआ पाकिस्तान को कोई भी नुकसान: पाक सेना

आईपीआई ने कहा कि अमेरिका में न्याय विभाग अभियोजकों के लिए पत्रकारों के रिकॉर्ड प्राप्त करना आसान बनाने के लिए दिशा-निर्देशों में बदलाव पर विचार कर रहा है। वहीं अमेरिका में विकीलीक्स के संस्थापक जूलियन असांजे के खिलाफ आपराधिक आरोप लगाये जाने से प्रेस की स्वतंत्रता पर इसके व्यापक प्रभाव के बारे में चिंता उत्पन्न हो गई है। उसने कहा कि ब्रिटेन में भी पत्रकारों ने सरकार के उस कदम का विरोध किया है, जिससे पुलिस की उनके डेटा तक पहुंच आसान हो जाएगी।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़