अमेरिका-तालिबान के बीच शनिवार को समझौते पर हस्ताक्षर की उम्मीद, इमरान कतर पहुंचे

दोहा। अफगानिस्तान में सबसे लंबे वक्त तक चले युद्ध से अमेरिका अपने सैनिकों को धीरे-धीरे वापस बुलाने के लिए शनिवार को तालिबान के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर करने वाला है। इस समझौते से अफगानिस्तान में नये युग की शुरुआत होने की उम्मीद है। इस ऐतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर होने से दो दिन पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने गुरुवार को यहां कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमाद अल-थानी से मुलाकात की। दोहा में जिस समझौते पर हस्ताक्षर की उम्मीद है वह तालिबान और अमेरिका के बीच एक साल से अधिक की वार्ता के बाद होने वाला है। तालिबान ने भी शनिवार को शांति समझौते पर हस्ताक्षर होने की योजना की पुष्टि की है।
समझौते के तथ्यों के बारे में सार्वजनिक खुलासा नहीं किया गया है लेकिन यह उम्मीद है कि पेंटागन अफगानिस्तान से अपने सैनिकों को वापस बुलाना शुरू करेगा। अफ्रगानिस्तान में अमेरिका के 12 से 13 हजार सैनिक हैं। शनिवार को समझौते पर होने वाले हस्ताक्षर से एक हफ्ते पहले आंशिक युद्ध विराम हुआ जिसका मकसद युद्धरत पक्षों के बीच विश्वास कायम करना और यह दिखाना है कि तालिबान अपने आतंकवादियों को नियंत्रित कर सकता है। बहरहाल, ग्रामीण इलाकों में छिटपुट हमले होते रहे।
अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने मंगलवार को कहा कि युद्धविराम की अवधि का असर हो रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘हम बहुत बड़े राजनीतिक अवसर के मुहाने पर हैं।’’ संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, पिछले दशक में 100,000 से अधिक अफगान नागरिक मारे गए या घायल हुए हैं। एक अफगान अधिकारी ने एएफपी को बताया कि कतर की राजधानी में शनिवार को समझौते पर हस्ताक्षर के दौरान 30 देशों का प्रतिनिधित्व होने की उम्मीद है। हालांकि, अफगानिस्तान सरकार अपना प्रतिनिधि नहीं भेजेगी।
अधिकारी ने कहा, ‘‘हम इन वार्ताओं का हिस्सा नहीं हैं। हम तालिबान पर भरोसा नहीं करते हैं।’’
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ऐतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर होने से दो दिन पहले इमरान गुरुवार को कतर की राजधानी दोहा पहुंचे। कतर के ऊर्जा मंत्री शाद शीरदा अल-काबी ने हवाई अड्डे पर खान की अगवानी की। खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी ने बैठक के संक्षिप्त वीडियो के साथ किये गए ट्वीट में कहा, ‘‘दीवान-ए-अमीरी में पहुंचकर कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमाद अल-थानी के साथ बैठक की।’’
इससे पहले पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने एक बयान में कहा कि खान की यात्रा का ध्यान द्विपक्षीय सहयोग को प्रगाढ़ करने और क्षेत्रीय विकास पर विचारों का आदान-प्रदान करने पर केंद्रित होगा। यह 2018 में प्रधानमंत्री बनने के बाद से इमरान की कतर की दूसरी यात्रा है। कतर ने पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी को दोहा में शांति समझौते पर हस्ताक्षर के लिये आयोजित होने वाले समारोह में शिरकत के लिये आमंत्रित किया है।
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