प्रदर्शनकारियों ने अन्य देशों के नेताओं से जी-20 में हांगकांग मुद्दे पर चर्चा की मांग की

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गौरतलब है कि चीन ऐसे किसी कदम का सख्त विरोधी है और उसने कहा है कि हांगकांग उसका आंतरिक मामला है। बुधवार की सुबह प्रदर्शनकारियों का समूह अमेरिका और यूरोपीय संघ के वाणिज्य दूतावास के बाहर एकत्र हुआ और उन्होंने अपनी अनुरोध वाला ज्ञापन सौंपा

हांगकांग। हांगकांग में विवादित प्रत्यर्पण कानून के विरोध में प्रदर्शन कर रहे लोगों ने अमेरिका, यूरोपीय संघ और अन्य देशों के नेताओं से अनुरोध किया है कि वे जापान में होने वाले जी-20 शिखर सम्मेलन के समय इस मुद्दे को चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के समक्ष उठाएं। गौरतलब है कि चीन ऐसे किसी कदम का सख्त विरोधी है और उसने कहा है कि हांगकांग उसका आंतरिक मामला है। बुधवार की सुबह प्रदर्शनकारियों का समूह अमेरिका और यूरोपीय संघ के वाणिज्य दूतावास के बाहर एकत्र हुआ और उन्होंने अपनी अनुरोध वाला ज्ञापन सौंपा।

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इस संबंध में एक प्रवक्ता ने बताया कि ‘चीन सीमा कानून’ में बदलाव के बाद सभी देशों के नागरिकों के चीन प्रत्यर्पण का रास्ता खुल जाएगा और उन्हें वहां पक्षपातपूर्ण मुकदमों तथा संभावित यातना का सामना करना पड़ सकता है। इससे हांगकांग की उस न्यायिक प्रणाली की स्वतंत्रता और नागरिकों की आजादी में कमी आ सकती है जो उसे 1997 में ब्रिटिश सत्ता से हस्तांतरण के बाद मिली थी। 

प्रदर्शनकारियों की योजना 19 विदेशी दूतावासों को अपना अनुरोध भेजने और बुधवार शाम को प्रदर्शनों का सिलसिला तेज करने की है। हाल के सप्ताहों में हजारों लोग विरोध प्रदर्शनों में शामिल हुए हैं। पुलिस ने उनके खिलाफ बल प्रयोग भी किया है। 

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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