म्यांमार ने राष्ट्रपति की माफी के बाद रॉयटर के दो पत्रकारों को किया रिहा
मीडिया वीडियो के मुताबिक, यंगून के कुख्यात जेल में हिरासत में 500 से अधिक दिन बिताने के बाद वा लोन और क्याव सोई ओओ जेल से बाहर आ गये।
यंगून। म्यांमार ने राष्ट्रपति की माफी के बाद रोहिंग्या संकट पर रिपोर्टिंग करने के लिए जेल भेजे गये समाचार समिति रॉयटर के दो पत्रकारों को कैद से रिहा कर दिया। यह जानकारी समाचर एजेंसी के एक वीडियो से मिली है।
VIDEO: Myanmar frees two Reuters journalists who had been jailed for their reporting on the Rohingya crisis.
— AFP news agency (@AFP) May 7, 2019
Wa Lone, one of the two reporters, says he can't wait to return to his newsroom pic.twitter.com/GTzUMAIxap
मीडिया वीडियो के मुताबिक, यंगून के कुख्यात जेल में हिरासत में 500 से अधिक दिन बिताने के बाद वा लोन और क्याव सोई ओओ जेल से बाहर आ गये।
Freed Reuters journalists Wa Lone and Kyaw Soe Oo were mobbed by the media as they stepped out of Yangon's notorious Insein prison after their lengthy detentionhttps://t.co/BthHoJK79t pic.twitter.com/4o79ZmUnUB
— AFP news agency (@AFP) May 7, 2019
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दोनों पत्रकारों को मिली थी 7 साल की सजा
ऑफिशल सीक्रेट ऐक्ट के उल्लंघन करने के मामले में दोनों पत्रकारों को 7-7 साल की सजा सुनाई गई थी। इन दोनों पर ये मामला तब चला था जब इन्होंने 2017 में 10 मुस्लिम रोहिंग्या कैंप में सरकारी सुरक्षा बलों की कार्रवाई की रिपोर्टिंग की थी। दोनों पत्रकारों को उनकी रिपोर्टिंग के लिए साल 2018 का पत्रकारिता का पुलित्जर पुरस्कार भी दिया गया है। इन दोनों पत्रकारों की रिहाई के लिए दुनिया भर में मांग उठ रही थी।
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