ब्रिटेन समेत यूरोप के कई देशों में भीषण गर्मी खतरे की घंटी के समान : संयुक्त राष्ट्र

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संयुक्त राष्ट्र की मौसम एजेंसी विश्व मौसम विज्ञान संगठन के महासचिव पेटेरी तालास ने मंगलवार को कहा कि जलवायु परिवर्तन की समस्या से निपटने के हमारे प्रयासों के बावजूद भीषण गर्मी का यह दौर कई दशकों के दौरान 2060 तक चलने की आशंका है।

लंदन| ब्रिटेन समेत यूरोप के कई देशों में पड़ रही भीषण गर्मी खतरे की घंटी के समान है और सरकारों तथा लोगों को इससे सबक लेते हुए जलवायु परिवर्तन की चुनौती से निपटने की दिशा में अधिक प्रयास करने चाहिए। संयुक्त राष्ट्र के एक अधिकारी ने यह दावा किया है।

संयुक्त राष्ट्र की मौसम एजेंसी विश्व मौसम विज्ञान संगठन के महासचिव पेटेरी तालास ने मंगलवार को कहा कि जलवायु परिवर्तन की समस्या से निपटने के हमारे प्रयासों के बावजूद भीषण गर्मी का यह दौर कई दशकों के दौरान 2060 तक चलने की आशंका है।

उन्होंने कहा कि दुनिया अधिक से अधिक ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन कर वायुमंडल को दूषित कर रही है।

संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों के मुताबिक जलवायु परिवर्तन का असर कोविड-19 महामारी से प्रभावित होने वाले बुजुर्गों, बीमार लोगों और श्वास संबंधी परेशानियों से पीड़ित लोगों पर ही सर्वाधिक होगा।

ब्रिटेन के इतिहास में मंगलवार का दिन अब तक का सबसे गर्म दिन रहा जब पहली बार तापमान 40 डिग्री सेल्सियस को पार कर गया।

दक्षिण-पश्चिम लंदन के हीथ्रो में तापमान 40.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। दक्षिण-पूर्वी इंग्लैंड के सरे में पहली बार तापमान 39 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इससे पहले 2019 में इंग्लैंड के कैम्ब्रिज बॉटैनिकल गार्डन में अधिकतम तापमान 38.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था।

दरअसल,ब्रिटेन समेत यूरोप के कई देशों में इस समय लोगों को अप्रत्याशित गर्मी का सामना करना पड़ रहा है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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