सीरिया रासायनिक हथियार जांच मामले में रूस का वीटो गलत: अमेरिका

अमेरिका ने सीरिया में रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल की जांच कर रहे एकमात्र आधिकारिक मिशन की अवधि बढ़ाने के संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव पर वीटो अधिकार का इस्तेमाल करने को लेकर रूस की निंदा करते हुए कहा कि मॉस्को ने ‘‘एक बार फिर’’ दिखा दिया है कि वह अपने सहयोगी की रक्षा करने के लिए सब कुछ करेगा।
वाशिंगटन। अमेरिका ने सीरिया में रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल की जांच कर रहे एकमात्र आधिकारिक मिशन की अवधि बढ़ाने के संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव पर वीटो अधिकार का इस्तेमाल करने को लेकर रूस की निंदा करते हुए कहा कि मॉस्को ने ‘‘एक बार फिर’’ दिखा दिया है कि वह अपने सहयोगी की रक्षा करने के लिए सब कुछ करेगा।
रूस ने अमेरिका समर्थित संयुक्त राष्ट्र प्रस्ताव पर वीटो का इस्तेमाल किया था। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव सारा सैंडर्स ने अपने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि रूस ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के इस प्रकार के प्रस्ताव को कई बार बाधित किया है। रूस ने आतंकवादियों और सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद के शासन समेत रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल करने वालों को जिम्मेदार ठहराने वाले संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के कदम को बाधित किया है।
सारा ने कहा, ‘‘ ‘ज्वाइंट इन्वेस्टिगेटिव मेकैनिज्म’ के विस्तार को बाधित करके रूस ने एक बार फिर दिखा दिया है कि उसे दुनिया में रासायनिक हमलों के निर्मम इस्तेमाल को रोकने की परवाह नहीं है और वह अपने सहयोगी असद शासन की रक्षा करने के लिए सब कुछ करेगा।’’
यदि इस प्रस्ताव को पारित कर दिया जाता तो इससे ‘ज्वाइंट इन्वेस्टिगेटिव मेकैनिज्म’ के जनादेश को एक साल का विस्तार और मिल जाता। ‘ज्वाइंट इन्वेस्टिगेटिव मेकैनिज्म’ की स्थापना प्रस्ताव 2235(2015) के जरिए की गई थी और इसकी अवधि 17 नवंबर को समाप्त होनी है।
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