रूस ने अन्य यूरोपीय देशों को भी गैस आपूर्ति रोकने की दी चेतावनी

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रूस की सरकारी दिग्गज कंपनी गजप्रोम ने कहा कि उसने रूसी मुद्रा रूबल में भुगतान करने से इनकार करने पर पोलैंड और बुल्गारिया की गैस आपूर्ति रोकी। पोलैंड के पास फिलहाल गैस का पर्याप्त भंडार है और वह अन्य दो पाइपलाइन से भी गैस जल्द मंगाने लगेगा।

पोकरोव्स्क (यूक्रेन)| रूस ने यूक्रेन में जारी युद्ध के बीच बुधवार को नाटो के दो सदस्य देशों बुल्गारिया और पोलैंड की गैस आपूर्ति रोक कर नया मोर्चा खोल दिया। रूस ने ताजा चेतावनी में कहा है कि वह यूरोपीय संघ के अन्य देशों की भी गैस आपूर्ति रोक सकता है।

रूस के इस कदम से पश्चिम के साथ उसके संघर्ष का दायरा और व्यापक होता जा रहा है। रूसी राष्ट्रपति भवन क्रेमलिन के प्रवक्ता दमित्री पेस्कोव ने गैस आपूर्ति रोकने की यह ताजा चेतावनी दी है।

उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि रूबल में भुगतान से इनकार करने पर अन्य यूरोपीय देशों की भी गैस आपूर्ति रोकी जा सकती है। रूस की ताजा चेतावनी ने 27 सदस्यीय यूरोपीय संघ के दशों को चिंता में डाल दिया है। एक दिन पहले ही अमेरिका और इसके पश्चिमी देशों ने यह प्रतिबद्धता व्यक्त की थी कि वे और अधिक गति के साथ गुणवत्ता पूर्ण सैन्य आपूर्ति यूक्रेन को करेंगे।

इसके बाद क्रेमलिन ने अपने सबसे आवश्यक निर्यात का फायदा उठाया और पोलैंड और बुल्गारिया की गैस आपूर्ति रोक दी। पोलैंड और बुल्गारिया में रूसी गैस आपूर्ति के ठप होने की खबर से यूरोप में गैस की कीमतों में उछाल दर्ज किया गया है।

रूस की सरकारी दिग्गज कंपनी गजप्रोम ने कहा कि उसने रूसी मुद्रा रूबल में भुगतान करने से इनकार करने पर पोलैंड और बुल्गारिया की गैस आपूर्ति रोकी। पोलैंड के पास फिलहाल गैस का पर्याप्त भंडार है और वह अन्य दो पाइपलाइन से भी गैस जल्द मंगाने लगेगा।

बुल्गारिया अपनी गैस जरूरत का 90 फीसदी हिस्सा रूस से मंगाता है, लेकिन यह भी जल्द ही अजरबैजान से गैस मंगाने लगेगा। इसके पहले राष्ट्रप़ति व्लादिमीर पुतिन ने साफ कर दिया था कि गैर-मित्र देशों को गैस के बदले रूबल में ही भुगतान करना पड़ेगा। हालांकि रूस के इस कदम से पोलैंड-बुल्गारिया को तात्कालिक रूप से किसी कठिन हालात का समाना नहीं करना पड़ेगा, क्योंकि ये देश कई साल पहले से वैकल्पिक स्रोत के माध्यम से गैस आपूर्ति सुनिश्चित करने पर काम कर रहे थे। इसके अलावा ये देश अब गर्मी के मौसम की तरफ बढ़ रहे हैं, इसलिए इन्हें गैस की पहले जितनी आवश्यकता नहीं रहेगी।

उधर, मैदान में भूराजनीतिक जंग और तेज होती जा रही है। रूसी सेना ने बुधवार को ऐलान किया था कि उसने अपनी मिसाइल से उस सैन्य खेप को निशाना बनाया जिसे अमेरिका और यूरोपीय देश यूक्रेन को भेज रहे थे।

इसके पहले मंगलवार को अमेरिकी सेना के प्रमुख ने यूक्रेन के सहयोगियों से युद्ध की गति से सक्रियता दिखाने की अपील की थी ताकि और अधिक हथियार कीव पहुंचाए जा सकें। इस बीच रूसी सेना का पूर्वी यूक्रेन पर हमला जारी है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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