चीनी युआन और UAE के दिरहम में रूस करेगा कारोबार, भारतीय रुपये के इस्तेमाल को लेकर संशय बरकरार

Russia
creative common
अभिनय आकाश । Jul 29 2022 5:52PM

रॉयटर्स द्वारा एक्सेस किए गए एक चालान से पता चला है कि इस तरह के भुगतान दुबई में मशरेक बैंक के माध्यम से गज़प्रॉमबैंक को किए जाने हैं। रूस अब भारत का दूसरा सबसे बड़ा कच्चे तेल का स्रोत है।

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने देश में स्थित संस्थाओं को अपने वैश्विक सहयोगियों के साथ रुपये में व्यापार करने की अनुमति दी, लेकिन सुविधा के लिए कई खरीदार नहीं हो सकते हैं। रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार रूस अपने तेल व्यापार के लिए कुछ भारतीय आयातकों से संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) दिरहम में भुगतान की मांग कर रहा है। रॉयटर्स द्वारा एक्सेस किए गए एक चालान से पता चला है कि इस तरह के भुगतान दुबई में मशरेक बैंक के माध्यम से गज़प्रॉमबैंक को किए जाने हैं। रूस अब भारत का दूसरा सबसे बड़ा कच्चे तेल का स्रोत है। अप्रैल में रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा कि उनका देश "दोस्ताना" देशों के साथ व्यापार करने के लिए गैर-पश्चिमी मुद्राओं के उपयोग को बढ़ाने का इच्छुक है।

इसे भी पढ़ें: रूस में व्हाट्सऐप और स्नैपचैट पर जुर्माना लगाया गया

 लेकिन मीडिया रिपोर्ट के अनुसार रूस ट्रांजक्शन में डॉलर से तो दूरी बनाकर रख रहा है। लेकिन चीन की मुद्गा युआन और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की मुद्रा दिरहम में तेल बेचने की योजना पर काम कर रहा है। वहीं भारत के साथ व्यापार में रुपये के इस्तेमाल को लेकर अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है। अंतरराष्ट्रीय लेनदेन के लिए विदेशी मुद्रा बाजार में रुपये का व्यापक रूप से उपयोग नहीं किया जाता है। विशेषज्ञों ने कहा कि इससे वैश्विक व्यापार भुगतान के लिए इसे अपनाने में बाधा आ सकती है।

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़