समुद्र क्षेत्र में सुरक्षा हिंद-प्रशांत के विकास व समृद्धि का आधार, क्वाड के विदेश मंत्रियों ने कहा

Security in the maritime domain
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भारत, जापान, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका के समूह ‘क्वाड’ ने अपने इस दृढ़ विश्वास की पुन: पुष्टि की कि समुद्री क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय कानून, शांति और सुरक्षा हिंद-प्रशांत के विकास और समृद्धि का आधार है और यथास्थिति को बदलने की कोशिश करने वाली किसी भी एकतरफा कार्रवाई या क्षेत्र में तनाव बढ़ाने वाले कदम का कड़ा विरोध किया।

भारत, जापान, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका के समूह ‘क्वाड’ ने अपने इस दृढ़ विश्वास की पुन: पुष्टि की कि समुद्री क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय कानून, शांति और सुरक्षा हिंद-प्रशांत के विकास और समृद्धि का आधार है और यथास्थिति को बदलने की कोशिश करने वाली किसी भी एकतरफा कार्रवाई या क्षेत्र में तनाव बढ़ाने वाले कदम का कड़ा विरोध किया। विदेश मंत्री एस जयशंकर, अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन, जापानी विदेश मंत्री योशिमासा हयाशी और ऑस्ट्रेलियाई विदेश मंत्री पेनी वोंग ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के उच्च-स्तरीय 77वें सत्र से इतर शुक्रवार को यहां क्वाड की मंत्रिस्तरीय बैठक की।

बैठक से पहले मंत्रियों ने हिंद-प्रशांत के लिए क्वाड मानवीय सहायता और आपदा राहत साझेदारी को शुरू करने के वास्ते दिशानिर्देशों पर हस्ताक्षर किए। क्वाड नेताओं ने इसकी घोषणा मई 2022 में की थी। क्वाड ने बयान में ‘रैंसमवेयर’ (फिरौती के लिए कंप्यूटर ब्लॉक करने के लिए उसमें डाले जाना वाला सॉफ्टवेयर) का भी जिक्र किया और राष्ट्रों से‘रैंसमवेयर’ को रोकने के लिए उचित कदम उठाने का आग्रह किया। क्वाड मंत्रिस्तरीय बैठक के संयुक्त बयान के मुताबिक, राष्ट्रों ने ‘‘हमारे दृढ़ विश्वास की पुष्टि की है कि समुद्री क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय कानून, शांति और सुरक्षा हिंद-प्रशांत के विकास और समृद्धि का आधार है।’’

बयान में कहा गया है, “हम उस एकतरफा कार्रवाई का कड़ा विरोध करते हैं जो यथास्थिति को बदलने या क्षेत्र में तनाव बढ़ाने की कोशिश करती है। हमने आसियान एकता और केंद्रीयता, आसियान के नेतृत्व वाले क्षेत्रीय ढांचे और हिंद-प्रशांत पर आसियान के दृष्टिकोण के व्यावहारिक कार्यान्वयन के लिए अपने अटूट समर्थन की भी पुष्टि की है।” बैठक में मंत्रियों ने संयुक्त राष्ट्र चार्टर के प्रति क्वाड के अटूट समर्थन को रेखांकित किया। साथ में संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को मजबूत करने और उसमें सुधार करने की अपनी प्रतिबद्धता को भी रेखांकित किया।

बयान में कहा गया है, “ क्वाड ने एक ऐसे संयुक्त राष्ट्र के लिए अपने समर्थन की पुष्टि की जो हमारे समय की अहम चुनौतियों का समाधान करता हो और हमारे साझा और परस्पर संसाधनों की सुरक्षा करता हो। इसमें सतत विकास के लिए 2030 एजेंडा का पूर्ण कार्यान्वयन और सतत विकास लक्ष्यों को हासिल करना शामिल है।” क्वाड के नेताओं ने कहा कि वे संयुक्त राष्ट्र में व्यापक सुधार के एजेंडा को आगे बढ़ाने के लिए भी प्रतिबद्ध हैं जिसमें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी और अस्थायी सीट की संख्या में विस्तार करना शामिल है ताकि परिषद वर्तमान वैश्विक वास्तविकताओं को दर्शाए और उसमें भौगोलिक दृष्टि से विविध दृष्टिकोण हों।

बयान में कहा गया है, “ हमने संयुक्त राष्ट्र सहित अंतरराष्ट्रीय और बहुपक्षीय व्यवस्थाओं में एकतरफा रूप से नुकसान पहुंचाने के प्रयासों का मुकाबला करने की आवश्यकता को रेखांकित किया।” उन्होंने यह भी कहा कि वे इस साल ऑस्ट्रेलिया द्वारा आयोजित आतंकवाद-रोधी अभ्यास की प्रतीक्षा कर रहे हैं। मंत्रियों का इरादा 2023 की शुरुआत में दिल्ली में क्वाड विदेश मंत्रियों की अगली बैठक में व्यक्तिगत रूप से मिलने का है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि यह बैठक सही समय पर हुई है क्योंकि दुनिया बहुत मुश्किल समय से गुजर रही है।

उन्होंने कहा, ‘‘कठिन समय को देखते हुए, यह विशेष रूप से महत्वपूर्ण है कि क्वाड समूह उस रचनात्मक एजेंडे में आगे बढ़ें जो हमने अपने लिए निर्धारित किया है, कि हम सार्वजनिक वस्तुओं को वितरित करने के लिए मिलकर काम करें।’’ उन्होंने कहा, ‘‘विशेष रूप से आज हम जिस पर हस्ताक्षर कर रहे हैं वह बहुत आवश्यक है। मुझे आज लगता है कि यह हमारे लिए बहुपक्षीय प्रणाली को मजबूत करने पर चर्चा करने का भी एक मौका है।’’

अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र महासभा के इतर यह बैठक होना इस बात का सबूत है कि क्वाड मजबूत है और यह हमारे बहुपक्षीय सहयोग को मजबूत कर रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि हमारे देश अच्छी तरह से इस बात को जानते हैं कि जिन महत्वपूर्ण चुनौतियों का हम सामना कर रहे हैं और जो मौके हमारे सामने हैं, उस स्थिति में यह बहुत जरूरी है कि हम एक साथ मिलकर काम करें।’’ वोंग ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया एक स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत के लिए प्रतिबद्ध है। हयाशी ने कहा कि आज दुनिया यथास्थिति को एकतरफा तरीके से बदलने के स्पष्ट प्रयास देख रही है। उन्होंने कहा कि कानून के शासन पर आधारित स्वतंत्र और खुली अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था खतरे में है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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