महाराजा रणजीत सिंह की प्रतिमा तोड़े जाने से पाकिस्तान में सिख समुदाय नाराज
पाकिस्तान के पेशावर में सिख समुदाय ने कहा है कि लाहौर किला में लगे सिखों के प्रथम शासक महाराजा रणजीत सिंह की प्रतिमा की पंजाब प्रांत के अधिकारी अगर रक्षा नहीं कर सकते तो वे प्रतिमा को यहां लाएंगे। प्रतिमा को एक कट्टरपंथी युवक ने तोड़ दिया।
पेशावर। पाकिस्तान के पेशावर में सिख समुदाय ने कहा है कि लाहौर किला में लगे सिखों के प्रथम शासक महाराजा रणजीत सिंह की प्रतिमा की पंजाब प्रांत के अधिकारी अगर रक्षा नहीं कर सकते तो वे प्रतिमा को यहां लाएंगे। प्रतिमा को एक कट्टरपंथी युवक ने तोड़ दिया। प्रतिबंधित तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) के एक कार्यकर्ता ने महाराजा रणजीत सिंह की नौ फुट ऊंची कांस्य प्रतिमा मंगलवार को तोड़ दी। आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है। एक वीडियो में दिख रहा है कि वह नारे लगा रहा है, प्रतिमा का हाथ तोड़ रहा है और घोड़े से सिंह की आवक्ष प्रतिमा को गिरा रहा है।
इसे भी पढ़ें: अफगानिस्तान में सरकार के गठन के बाद ही तालिबान शासन को मान्यता देने पर निर्णय करेंगे: चीन
पेशावर में सिख समुदाय के नेता गोरपाल सिंह ने मंगलवार को कहा कि पंजाब सरकार अगर प्रतिमा की रक्षा नहीं कर सकती है तो वे इसे शहर में लाएंगे। सिंह ने कहा कि सिखों का एक प्रतिनिधिमंडल प्रतिमा पेशावर लाने के लिए लाहौर जाएगा। उन्होंने कहा कि पेशावर के ऐतिहासिक बालाहिसार किले में रणजीत सिंह की एक तस्वीर करीब छह वर्ष पहले लगाई गई थी और यह अभी तक सही सलामत है जबकि पंजाब सरकार एक प्रतिमा की रक्षा नहीं कर पा रही है। सिंह ने कहा कि प्रतिमा पर बार-बार हमला होने से समुदाय की भावनाएं आहत हो रही हैं।
The statue of "Maharaja Ranjit Singh Ji" was vandalised in Lahore Fort on Tuesday, this is the third time since 2019.
— Mahipal Mahla (@MahipalMahla) August 18, 2021
Hope @ImranKhanPTI ji will take this matter seriously and take strict action against the culprits. #LahoreFort #MaharajaRanjitSingh #LahoreIncident pic.twitter.com/6zn71d3nhq
I condemn the act of vandalizing the statue of Maharaja Ranjit Singh, Sher-e-Hind.
— Baijayant Jay Panda (@PandaJay) August 17, 2021
The extremist ideologies nurtured in our neighbor to the West, are no different from what the Taliban does in Afghanistan.
No wonder why Pakistan is endorsing the acts of the Taliban. pic.twitter.com/kiVTlNBcsv
अन्य न्यूज़