श्रीलंका की संसद ने आपातकाल को दी मंजूरी, सुरक्षाबलों के अधिकारों में हुई भारी वृद्धि

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देश में तत्कालीन कार्यकारी राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने आपातकाल लगाने की घोषणा की थी और नियमों के तहत 14 दिनों के भीतर इस फैसले की पुष्टि संसद द्वारा की जानी थी। श्रीलंका की 225 सदस्यीय संसद में बुधवार को 63 के मुकाबले 120 सदस्यों के समर्थन से आपातकाल के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।

कोलंबो। श्रीलंका की संसद ने बुधवार को तत्कालीन राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के देश छोड़ने के बाद 13 जुलाई से लागू आपातकाल को मंजूरी दे दी। इसके तहत सुरक्षाबलों के अधिकारों में भारी वृद्धि की गई है, जिनमें लोगों को गिरफ्तार करने और हिरासत में रखने के अधिकार शामिल हैं। देश में तत्कालीन कार्यकारी राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने आपातकाल लगाने की घोषणा की थी और नियमों के तहत 14 दिनों के भीतर इस फैसले की पुष्टि संसद द्वारा की जानी थी। श्रीलंका की 225 सदस्यीय संसद में बुधवार को 63 के मुकाबले 120 सदस्यों के समर्थन से आपातकाल के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।

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संसद ने 20 जुलाई को रानिल विक्रमसिंघे को राष्ट्रपति चुना था। मुख्य विपक्षी एसजेबी और मुख्य तमिल पार्टी टीएनए ने प्रस्ताव के खिलाफ मतदान किया जबकि सत्तारूढ़ श्रीलंका पोदुजना पेरामुना (एसएलपीपी) के कम से कम चार सदस्यों ने भी आपातकाल लगाने का विरोध किया। संसद द्वारा बुधवार को मंजूरी दिए जाने के बाद आपातकाल 14 अगस्त तक प्रभावी रहेगा। संसद में आपातकाल पर बहस के दौरान विपक्षी सदस्यों ने विक्रमसिंघे पर शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों पर आपातकाल के प्रावधानों का उपयोग कर बल प्रयोग का आदेश देने का आरोप लगाया।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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