दलाई लामा के साथ सीधे बातचीत करे चीन: विदेश मंत्री माइक पोम्पियो

Talks directly with Dalai Lama China: External Affairs Minister Mike Pompeo
[email protected] । Jun 13 2018 3:25PM

अपने बीजिंग दौरे से पहले अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने आज सांसदों से कहा कि अमेरिका को सार्वजनिक रूप से यह कहना चाहिए कि चीन को दलाई लामा या उनके प्रतिनिधियों के साथ बिना पूर्व शर्त के अर्थपूर्ण और सीधी बातचीत करनी चाहिए।

वॉशिंगटन। अपने बीजिंग दौरे से पहले अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने आज सांसदों से कहा कि अमेरिका को सार्वजनिक रूप से यह कहना चाहिए कि चीन को दलाई लामा या उनके प्रतिनिधियों के साथ बिना पूर्व शर्त के अर्थपूर्ण और सीधी बातचीत करनी चाहिए। चीन सरकार के अधिकारियों और दलाई लामा या उनके प्रतिनिधियों के बीच वर्ष 2010 के बाद से कोई औपचारिक बातचीत अथवा मुलाकात नहीं हुई है। अमेरिका ने दोनों ही पक्षों को प्रेरित किया है कि वह बिना किसी पूर्व शर्त के अर्थपूर्ण और सीधी बातचीत करें ताकि मतभेद दूर हो सकें। अमेरिका की विदेशी मामलों की सीनेट समिति के सदस्यों की ओर से लिखित प्रश्नों के जवाब में पोम्पियो ने कहा कि चीन के अधिकारियों के साथ अपनी बातचीत में वह तिब्बती लोगों के लिए धर्म और विश्वास की आजादी तथा मानवाधिकार की खातिर दबाव बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि तिब्बत के राजनीतिक कैदियों की रिहाई की भी वह वकालत करेंगे। 

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने आज कहा कि पोम्पियो कल चीन जाएंगे और अपने चीनी समकक्ष के साथ साझा चिंता के प्रमुख वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों तथा द्विपक्षीय संबंधों पर विचारों का आदान प्रदान करेंगे। पोम्पियो ने कहा, ‘‘मेरा सुझाव तो यह है कि अमेरिका सार्वजनिक तौर पर और सरकार के सर्वोच्च स्तरों पर यह कहे कि चीन के अधिकारियों को मतभेदों को दूर करने और तनाव कम करने के लिए दलाई लामा या उनके अधिकारियों के साथ बिना किसी पूर्व शर्त के अर्थपूर्ण और सीधी बातचीत करनी चाहिए।’’ उन्होंने कहा कि वह तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र तक अमेरिकी पत्रकारों, राजनयिकों, विद्वानों और अन्य की नियमित पहुंच नहीं होने का मुद्दा भी उठाएंगे। 

पोम्पियो ने अपनी नियुक्ति की अनुमोदन प्रक्रिया में सवालों के लिखित जवाब पेश किए थे। विदेश मामलों की सीनेट समिति ने इन जवाबों को हाल में जारी किया है। शीर्ष अमेरिकी राजनयिक ने सांसदों को भरोसा दिलाया कि वह तिब्बत पॉलिसी एक्ट को पूरी तरह लागू करेंगे और चीन से अनुरोध करेंगे कि वह तिब्बती लोगों, उनकी धार्मिक, भाषायी, सांस्कृतिक परंपराओं और रिवाजों पर पाबंदियों को खत्म करे। 

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